महोबा।
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से सामने आई एक अनोखी प्रेम कहानी ने सामाजिक परंपराओं और रूढ़ियों को चुनौती दे दी है। यहां दो युवतियों ने एक-दूसरे से प्रेम करते हुए शादी रचा ली, जो अब पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। दिल्ली में कोर्ट मैरिज करने के बाद जब दोनों महोबा पहुंचीं, तो ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया गया।
चरखारी कस्बे के छोटा रमना मोहल्ले की रहने वाली 20 वर्षीय हेमा और मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के चंदला क्षेत्र की रहने वाली 18 वर्षीय पूजा की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। हेमा बचपन से ही खुद को लड़कों की तरह देखती और उसी तरह रहना पसंद करती थी। परिजनों ने भी उसकी भावनाओं को समझते हुए उसकी परवरिश उसी रूप में की। अब हेमा खुद को ‘हेमंत’ कहलवाना पसंद करती हैं और पति की भूमिका में पूजा के साथ जीवन बिताने का फैसला कर चुकी हैं।
करीब तीन साल पहले दिल्ली में दोनों की मुलाकात हुई थी। पूजा उस समय अपने रिश्तेदारों के यहां रह रही थी, जबकि हेमा अपने परिवार के साथ फल की दुकान चलाती थी। दोस्ती से शुरू हुआ यह रिश्ता फोन पर बातचीत के जरिए और गहरा होता गया। तीन वर्षों के रिश्ते के बाद दोनों ने 6 अक्टूबर को दिल्ली में कोर्ट मैरिज कर ली।
कोर्ट मैरिज के बाद गुरुवार को जब दोनों चरखारी पहुंचीं, तो उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। पूजा को बहू के रूप में घर लाने पर हेमंत के परिजनों ने पूरे सम्मान के साथ स्वागत किया। हेमंत की मां ने कहा कि उन्होंने पूजा को अपनी बहू स्वीकार कर लिया है। इसके बाद रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग मुंह दिखाई की रस्म के लिए घर पहुंचने लगे।
परिजनों का बदला रुख
शुरुआत में पूजा के परिजनों ने इस रिश्ते का कड़ा विरोध किया, जबकि हेमंत के माता-पिता ने ज्यादा आपत्ति नहीं जताई। समय के साथ हालात बदले और अंततः दोनों परिवार इस रिश्ते को स्वीकार करने के लिए तैयार हो गए। पूजा ने बताया कि परिवार के विरोध के बावजूद वह अपने फैसले पर अडिग रही और उसने मन से हेमा को अपना पति स्वीकार किया है।
भविष्य की योजना
हेमा उर्फ हेमंत का कहना है कि वह अपनी पत्नी पूजा से बेहद प्यार करती हैं और भविष्य में जेंडर चेंज सर्जरी कराने का प्रयास करेंगी। इसी सोच के तहत उन्होंने अपना नाम भी हेमंत रख लिया है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि यदि सर्जरी संभव नहीं हो पाती, तब भी दोनों साथ रहेंगे। दिल्ली में साथ रहते हुए हेमंत ने पति की तरह काम कर परिवार का खर्च उठाया, जबकि पूजा ने घर की जिम्मेदारी संभाली।
यह अनोखा प्रेम विवाह आज सामाजिक बदलाव, व्यक्तिगत आज़ादी और आपसी सहमति की एक नई मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।