खटीमा। जिला बनाओ संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर खटीमा और सितारगंज तहसील समेत टनकपुर के बस्टिया क्षेत्र को मिलाकर खटीमा को जिला बनाने की मांग की है। समिति के अध्यक्ष एमसी भट्ट के नेतृत्व में सदस्यों ने एसडीएम कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। कहा कि खटीमा क्षेत्र भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े होने के कारण अतिसंवेदनशील क्षेत्र है। जिला मुख्यालय रुद्रपुर खटीमा से 75 किमी की दूरी पर है। राज्य आंदोलन की उग्र शुरुआत खटीमा क्षेत्र से एक सितंबर 1994 को हुई। इसके बावजूद खटीमा को जिला न बनाने से क्षेत्र की जनता क्षुब्ध है।
खटीमा जिले की मांग के लिए समिति ने पहला ज्ञापन 29 सितंबर 2000 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को दिया था। तब से समिति लगातार आंदोलनरत है। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद समिति की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी को भी ज्ञापन दिए थे। समिति ने 13 फरवरी 2004 को हजारों हस्ताक्षरों से युक्त 13 मीटर लंबा ज्ञापन भी तत्कालीन सीएम नारायण दत्त तिवारी को दिया था। अब समिति ने सीएम पुष्कर धामी को भी इस मांग का ज्ञापन भेजा है। इनमें टीएस जेठी, छत्तर सिंह सैल्ला, एनके भट्ट, मनोज तिवारी, सूरज प्रकाश राणा, चंदन सिंह, हरीश सुयाल, राजेश कांडपाल, ममता राणा, सीमा जोशी, संजीव कुमार भटनागर, कैलाश चंद्र, राजीव कुमार आदि थे।
खटीमा जिला बनाओ की मांग हुई फिर मुखर
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