Wednesday, December 25, 2024
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पंतनगर विवि अस्पताल का चिकित्साधिकारी निलंबित

पंतनगर। एक छात्रा की ओर से लगाए गए आरोपों की प्राथमिक जांच के बाद जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय स्थित विवि अस्पताल के चिकित्साधिकारी डॉ. दुर्गेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें अस्पताल से हटाकर कृषि विज्ञान केंद्र ज्योलीकोट (नैनीताल) से संबद्ध किया गया है। मुख्य कार्मिक अधिकारी आशीष भटगाईं की ओर से निलंबन आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि डीन टेक्नोलॉजी की ओर से कुलपति को सात दिसंबर को कार्रवाई का संस्तुति पत्र भेजा गया था। इस पत्र के साथ ही महाविद्यालय स्तर पर गठित इंटरनल कंप्लेंट कमेटी फॉर जेंडर सेंसिटाइजेशन, प्रिवेंशन एंड प्रोहिबिशन ऑफ सेक्सुअल हरासमेंट ऑफ वुमन इंप्लाय एंड स्टूडेंट कमेटी की रिपोर्ट भी भेजी गई थी। इसमें एक छात्रा की शिकायत की जांच में डॉ. दुर्गेश को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। कुलपति के निर्देश पर डॉ. दुर्गेश को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ ही मामले की विस्तृत जांच विवि स्तर पर गठित ‘सेक्सुअल हरासमेंट एंड जेंडर जस्टिस कमेटी’ से कराना प्रस्तावित किया गया है। निलंबित किए गए डॉ. दुर्गेश ने कहा कि उनके खिलाफ किसने शिकायत की और कौन की कमेटी ने जांच की है इसकी जानकारी उनको नहीं है।
कमेटी ने उनका पक्ष भी नहीं जाना और सीधे उनको निलंबन पत्र भेज दिया गया है। उनका कहना है कि आठ दिन पहले एक छात्रा उनके पास आई थी और उनसे अबॉर्शन की पिल्स मांगी थी। उन्होंने गाइनी विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह दी थी। फिर उसने 15 दिन के लिए स्लीपिंग पिल्स मांगी जिसके लिए भी उन्होंने मना कर दिया। इस पर वह भड़क गई थी और हंगामा कर देख लेने की धमकी देकर चली गई थी। अंदेशा है कि ये वही प्रकरण हो सकता है। डॉ. दुर्गेश पर एक छात्रा ने बदसलूकी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद महाविद्यालय स्तर पर गठित टीम से जांच कराई गई जिसमें प्रथम दृष्टया आरोप सही होने पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। सेक्सुअल हरासमेंट एंड जेंडर जस्टिस कमेटी से जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा। निर्दोष पाए जाने पर डॉ. दुर्गेश को पद पर फिर से बहाल कर दिया जाएगा। – डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति पंतनगर विवि।
कोट
मैं एमबीबीएस डॉक्टर हूं कोई कृषि वैज्ञानिक नहीं कि कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर अपनी क्षमता का उपयोग कर सकूं। प्रशासन ने मुझको केवीके में किस औचित्य के साथ संबद्ध किया है इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। यह विश्वविद्यालय प्रशासन का एकतरफा निर्णय है जिसका कोई मतलब नहीं है। – डॉ. दुर्गेश कुमार।

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