विजिलेंस अब दरोगा भर्ती धांधली के आरोपियों की संपत्तियों की जांच में जुट गई है। बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी पंतनगर विवि के पूर्व बाबू दिनेशचंद और डीन नरेंद्र सिंह जादौन ने वर्ष 2015 के बाद काफी संपत्तियां अर्जित की हैं। माना जा रहा है कि ये संपत्तियां उन्होंने दरोगा भर्ती के अभ्यर्थियों से पैसे लेकर बनाई हैं। ऐसे में विजिलेंस अब इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज कर सकती है। इसके लिए जल्द शासन से अनुमति मांगने की तैयारी है। वर्ष 2015 की दरोगा सीधी भर्ती में धांधली की बात सामने आने के बाद अब कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। शुरुआती पड़ताल के बाद 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया गया है। जबकि, कई और पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। ओएमआर शीटों में गड़बड़ी की बात कंप्यूटर से मिले आंकड़े और खुद आरोपियों से पूछताछ में हो चुकी है। लेकिन, अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि अभ्यर्थियों ने पास होने के लिए जादौन और दिनेश चंद को कितने-कितने रुपये दिए थे। वहीं, अब आरोपियों की संपत्तियों की जांच शुरू हो गई है। शुरुआती तौर पर इन दोनों आरोपियों की संपत्तियों की जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारियों ने 2015 के बाद काफी संपत्तियां अर्जित की हैं।
संपत्तियां कई सौ फीसदी अधिक मिली
इनमें जमीन, मकान और गाड़ियां शामिल हैं। इन सबका विजिलेंस ने ब्योरा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। ऑनपेपर आमदनी से इनका मिलान किया गया तो संपत्तियां कई सौ फीसदी अधिक पाई गई हैं। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, इन दोनों अधिकारियों पर अब आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है।
20 से 25 लाख रुपये में सौदा होने की आशंका
एसटीएफ को पूछताछ में पैसों के लेनदेन की बात तो पता चली थी लेकिन कितना रुपया लिया गया था यह बात अब तक सामने नहीं आई है। लेकिन, अंदाजा है कि एक-एक अभ्यर्थी से 20 से 25 लाख रुपये तक लिया गया था। बात दरोगा जैसे रौबदार पद की थी तो यह रुपया भी किसी को ज्यादा नहीं लगा। दरोगाओं ने भी नौकरी पाने के बाद मलाईदार पोस्टिंग ली। इस दौरान यह रकम कब की अंदर कर ली गई होगी। भ्रष्टाचार के मामले खुलेंगे तो यह बात भी सामने आएगी कि किस दरोगा ने कहां कितनी चांदी काटी।
एक अभ्यर्थी को निजी संबंधों के तौर पर बना दिया दरोगा
अब तक की जांच में यह बात भी सामने आई है कि दिनेश चंद के एक अभ्यर्थी से निकटतम संबंध थे। वह दो और अभ्यर्थियों को लेकर आया था। ऐसे में दिनेशचंद ने इस अभ्यर्थी को बिना पैसे लिए ही पास करा दिया। इसके लिए जादौन को अलग से हिस्सा दूसरे अभ्यर्थियों से लिए गए पैसों में से दिया गया। यह दरोगा भी विभिन्न जगहों पर पोस्टिंग पर रहा है। दिनेश के यह संबंध नौकरी पाने में तो काम आ गए लेकिन जब पोल खुली तो इस दरोगा को भी कोई नहीं बचा पाया।
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