नैनीताल। मल्लीताल क्षेत्र में चिल्ड्रन पार्क और इसके आसपास हो रहा भू धंसाव अब बैंड स्टैंड की ओर बढ़ने लगा है। भू धंसाव के चलते अब नैनीताल के ऐतिहासिक बैंड स्टैंड पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। समय रहते भू धंसाव रोकने के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए तो ऐतिहासिक विरासत को बचाना मुश्किल हो जाएगा। तीन सितंबर को मल्लीताल क्षेत्र स्थित चिल्ड्रन पार्क के समीप की दीवार झील में समा गई थी और वहां फुटपाथ पर भी दरारें नजर आने लगीं थीं। अब धीरे-धीरे यह भू धंसाव बैंड स्टैंड की ओर बढ़ रहा है। सोमवार को अमर उजाला टीम ने इस क्षेत्र में भू धंसाव की पड़ताल की तो बैंड स्टैंड को जाने वाली सीढ़ी और बैंड स्टैंड के बीच एक बड़ी दरार नजर आई। यही नहीं बैंड स्टैंड और फुटपाथ के फर्श में भी दरार उभर आई है। वाल्मीकि पार्क किनारे एक पेड़ की जड़ में गड्ढा भी नजर आने लगा है। बीते दिनों चिल्ड्रन पार्क के समीप दीवार और फुटपाथ के झील में समाने के बाद जिला विकास प्राधिकरण, नगर पालिका और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र का निरीक्षण कर भू धंसाव के कारण जानने की कोशिश की थी। तब अधिकारियों ने नगर पालिका के ईओ को बरसाती पानी की निकासी के लिए बने चैंबरों की सफाई कराने को कहा था। चैंबरों की सफाई हुई हो या न हुई हो लेकिन बैंड स्टैंड की दरारें भविष्य के खतरे की ओर इशारा कर रही हैं। ऐसे में बैंड स्टेंड को बचाने के लिए ठोस प्रयासों की जरूरत है।
पिछले साल बरसात में बैंड स्टैंड के दोनों ओर टूटी थी दीवार
नैनीताल। पिछले साल बरसात के दौरान बैंड स्टैंड के दोनों तरफ फुटपाथ से लगी दीवार टूटकर झील में समा गई थी। जलस्तर कम होने के बाद सिंचाई विभाग ने क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत कराई थी। लेकिन कुछ समय के बाद ही बैंड स्टैंड और जूम लैंड के बीच भी दरार आ गई थी जो बढ़ने लगी थी।
जूमलैंड के आगे भी फुटपाथ में धंसाव
नैनीताल। बैंड स्टैंड के साथ साथ यहां जूम लैंड के समीप के फुटपाथ में धंसाव होने लगा है। जिसके चलते वहां भी दीवार झील में समाने का खतरा बना हुआ है। तेज बारिश के दौरान यह हिस्सा कभी भी झील में समा सकता है।
प्रतिबंध के बाद भी लोग कर रहे आवाजाही
नैनीताल। बेरिकेडिंग और प्रतिबंध के बाद भी लोग बैंड स्टैंड और झील किनारे घूम रहे हैं। देर शाम कई युवक बैंड स्टैंड में मस्ती करते नजर आ रहे हैं। पालिका की ओर से ऐसे लोगों पर अब तक कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कोट
चिल्ड्रन पार्क और वाल्मीकि पार्क में मिट्टी के भरान से वजन बढ़ा है। इसका भार दीवारों पर पड़ रहा है। क्षेत्र में पानी की निकासी के लिए बने चैंबर भी बंद हैं। पानी रिसकर दीवारों के रास्ते झील में पहुंच रहा है। पालिका से पानी की निकासी के लिए चैंबरों की सफाई कराने को कहा गया है। – सीएम साह, सहायक अभियंता, डीडीए, नैनीताल
कोट-
जिला प्रशासन से भू परीक्षण कराने की मांग की गई है ताकि भू धंसाव के सही कारणों का पता लगाया जा सके। भू परीक्षण और झील का जलस्तर कम होने के बाद ही सुरक्षा कार्य किए जा सकेंगे। – डीडी सती, सहायक अभियंता, सिंचाई विभाग नैनीताल
कोट
बैंड स्टैंड और आसपास के भू धंसाव का परीक्षण करा लिया गया है। पूर्व में यहां पानी की निकासी के पुख्ता इंतजाम थे लेकिन बाद के वर्षों में यहां एडीबी ने विकास कार्य कराए जिसके चलते ड्रेनेज सिस्टम बंद हो गए। इसी वजह से यह स्थिति पैदा हुई है। एडीबी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति भेजी जा रही है। – धीराज सिंह गर्ब्याल डीएम, नैनीताल
नैनीताल का बैंड स्टैंड भी खतरे की जद में
RELATED ARTICLES