रुद्रपुर। एनएच-87 किनारे दुकानों को पुलिस प्रशासन और एनएचएआई की ओर से सुबह सात बजे हटाया जाना था। कार्रवाई के लिए अधिकारियों के साथ ही पुलिसकर्मी और अन्य विभागों के कर्मचारी भी पहुंच गए थे लेकिन एनएचएआई की ओर से जेसीबी की व्यवस्था नहीं हो सकी। कुछ समय इंतजार के बाद जब जेसीबी नहीं आई तो प्रशासन ने नगर निगम से जेसीबी मंगवाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करवाई। इसके कुछ समय बाद एनएचएआई की ओर से भी जेसीबी वहां आ गई थी।
फ्रीहोल्ड के कागज दिखाने के बावजूद दुकान तोड़ने का आरोप
रुद्रपुर। प्रशासन की जेसीबी जब हाईवे से सटे गुरुद्वारा रोड की दुकान पर चली तो व्यापारी गुरप्रीत सिंह ने बैटरी की दुकान के फ्रीहोल्ड के कागज एसडीएम प्रत्यूष सिंह को दिखाए। इसके बाद जेसीबी को रोक दिया गया था। एनएचएआई की ओर से फीता लेकर नपाई की गई और फिर बची दुकान को ध्वस्त किया गया। गुरप्रीत ने बताया कि 1997 में उनकी दुकान को जिला मजिस्ट्रेट ने फ्री होल्ड किया था। उनको दुकान के संबंध में 2018 में एनएचएआई की ओर से नोटिस दिया गया था और इस पर आपत्ति लगाई थी। इसके बाद कोई नोटिस नहीं मिला था। एसडीएम को गाज दिखाने पर दो घंटे तक कार्यवाही रोकी गई और फिर दुकान को तोड़ दिया गया। एसडीएम ने बताया कि अतिक्रमण के दायरे में आई दुकानों को ध्वस्त किया गया है।
मुआवजे की रकम से होगी खर्च की भरपाई
रुद्रपुर। नेशनल हाइवे 87 से दुकानों को हटाने का खर्च संबंधित व्यापारी को मिलने वाले मुआवजे से वसूला जाएगा। दरअसल किसी जगह से अतिक्रमण हटाने से पहले संबंधित को नोटिस देकर जगह खाली करने का समय दिया जाता है लेकिन तय समय पर जगह खाली नहीं करने पर उसे खाली करने में आए खर्च को संबंधित से वसूला जाता है। एसडीएम प्रत्यूष सिंह ने बताया कि एनएचएआई की ओर से अधिग्रहीत जमीन पर स्थित ढांचों का मुआवजा तय किया गया है। अब इन ढांचों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में हुए खर्च को इसी मुआवजे की राशि से निकाला जाएगा जो बचा मुआवजा है वो संबंधित व्यापारी को प्रक्रिया के अनुसार दिया जाएगा।
प्रशिक्षु आईएएस और पांच एसडीएम रहे तैनात
रुद्रपुर। जिला प्रशासन की ओर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए जिलेभर से अधिकारियों की ड्यूटी रुद्रपुर में लगाई गई थी। प्रशिक्षु आईएएस अनामिका, एसडीएम रुद्रपुर प्रत्यूष सिंह, एसडीएम काशीपुर अभय प्रताप सिंह, एसडीएम बाजपुर राकेश तिवारी, एसडीएम किच्छा कौस्तुभ मिश्रा और एसडीएम सितारगंज तुषार सैनी के साथ ही प्रशासनिक अमला पहुंचा था। वहीं एसपी सिटी मनोज कत्याल के अलावा एसपी काशीपुर अभय सिंह के अलावा सभी छह सर्किल के सीओ सहित थाना प्रभारी भी शामिल थे।
एनएचएआई की जेसीबी नहीं पहुंची तो नगर निगम से मंगवाई
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