उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण अब अपने निम्न स्तर पर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के पांच जनपदों में अब कोरोना का एक भी सक्रिय मामला नहीं है। जबकि आठ अन्य जिलों में भी सक्रिय मामले इकाई की संख्या में हैं। प्रदेश में फिलवक्त 21 सक्रिय मामले हैं। इधर, रविवार को राज्य में कोरोना के आठ नए मामले मिले। वहीं, 13 मरीज स्वस्थ हुए। कोरोना संक्रमित किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, निजी व सरकारी लैब से 1646 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इनमें 1638 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे ज्यादा चार लोग संक्रमित मिले हैं। हरिद्वार में दो और ऊधमसिंह नगर व उत्तरकाशी में भी एक-एक नया मामला मिला है। जबकि अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग व टिहरी गढ़वाल में कोरोना का कोई नया मामला नहीं मिला है। प्रदेश में इस साल कोरोना के कुल 92235 मामले आए हैं। इनमें से 88725 (96.19 प्रतिशत) लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। कोरोना संक्रमण से इस साल 274 मरीजों की मौत भी हुई है।
शिविर में 85 पुलिसकर्मियों के लिए रक्त के नमूने
देहरादून के चौराहों पर दिनभर ड्यूटी करने वाले यातायात पुलिसकर्मियों में बीमारियों की आशंका को देखते हुए रिजर्व पुलिस लाइन में उनके लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। विभाग की ओर से आयोजित शिविर में 85 पुलिसकर्मियों का चेकअप कर उनके खून का नमूना लिया गया। इन नमूनों की जांच के आधार पर यदि किसी पुलिसकर्मी को उपचार की जरूरत होगी तो उसे सीएसआर के माध्यम से उपचार उपलब्ध करवाया जाएगा। शिविर में अल्मोड़ा स्थित सोबन सिंह जीना मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राजीव सिंह कुशवाहा ने सीसा की विषाक्तता के बारे में पुलिसकर्मियों को बताया। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था संभालने वाले पुलिसकर्मियों पर वायु प्रदूषण और वातावरण में पाया जाने वाला सीसा दुष्प्रभाव डालता है।
सीसा शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है। यातायात पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने बताया कि शिविर में पुलिसकर्मियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
पांच जनपदों में कोरोना का एक भी सक्रिय मामला नहीं, फिलवक्त 21 सक्रिय मामले
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