Wednesday, October 30, 2024
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अब बेस अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड बंद

हल्द्वानी। महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड बंद होने के बाद अब बेस अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड सुविधा एक सप्ताह के लिए बंद हो गई हैं जबकि सुशीला तिवारी अस्पताल में लंबी तारीख मिल रही है। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कतें गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ रही हैं। मजबूरन उन्हें निजी केंद्रों का रुख करना पड़ रहा है। बेस अस्पताल में सुबह 10 बजे अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर लोगों की भीड़ नजर आई। लोग यहां अल्ट्रासाउंड कराने के लिए पहुंच रहे थे लेकिन जब उन्हें पता चला कि अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है तो वे परेशान हो उठे। बताया गया कि यहां तैनात रेडियोलोजिस्ट एक सप्ताह की छुट्टी पर चले गए हैं। इस वजह से अल्ट्रासाउंड नहीं होंगे। अस्पताल पहुंचे लामाचौड़ निवासी विमल पांडे ने बताया कि वह अपनी मां का अल्ट्रासाउंड कराने आए थे। यहां कक्ष बंद था तो अब उन्हें उन्हें निजी सेंटर जाना पड़ेगा। रानीबाग से आई सविता ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को महिला अस्पताल में दिखाया था। अल्ट्रासाउंड के लिए डॉक्टर ने उन्हें बेस अस्पताल जाने की सलाह दी थी। आज जब पहुंचीं तो पता चला कि यहां भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं। इसी तरह अन्य लोग भी अल्ट्रासाउंड ना होने से परेशान थे। ज्यादातर लोग निजी सेंटरों की ओर जा रहे थे। अस्पताल प्रशासन ने सभी को सूचना दे दी कि एक सप्ताह तक अल्ट्रासाउंड कराने न आएं।
बेस अस्पताल में हर रोज करीब 30 अल्ट्रासाउंड होते हैं। पिछले सप्ताह बीमारी की वजह से महिला अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट छुट्टी पर चले गए थे तो वहां से मरीजों को बेस अस्पताल भेजा जा रहा था। यहां भी अब यह सुविधा बंद हो गई है। सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीजों को लंबी सप्ताह-दस दिन की बाद की तारीख मिल रही है। ऐसे में कई मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है तो कई मजबूरन निजी केद्रों का रुख करना पड़ रहा है।
निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों में बढ़ी भीड़
हल्द्वानी। बेस और महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड बंद होने से निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों में भीड़ बढ़ रही है। निजी सेंटरों में सामान्य अल्ट्रासाउंड का शुल्क 800 रुपये है जबकि महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड निशुल्क होता है। इस वजह से आम लोगों की जेब पर भार बढ़ रहा है। राहत की बात ये है कि सुशीला तिवारी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवा जारी है। हालांकि यहां एक दिन में केवल 35 अल्ट्रासाउंड होते हैं। यहां मरीजों की पहले से ही काफी भीड़ रहती है।
कोट
जिले में रेडियोलॉजिस्ट की भारी कमी है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि एक रेडियोलॉजिस्ट की व्यवस्था कराई जाए, ताकि मरीजों को राहत मिल सके। – डॉ. भागीरथी जोशी, सीएमओ, नैनीताल
महिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने की वजह से अल्ट्रासाउंड बंद हो गए थे। अब बेस अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं। इस संबंध में डीजी हेल्थ और सीएमओ नैनीताल को सूचित कर दिया गया है। – डॉ. उषा जंगपांगी, सीएमएस, राजकीय महिला अस्पताल, हल्द्वानी।
आईसीयू संचालन में स्टाफ की कमी बना रोड़ा
हल्द्वानी। कोविड काल में हल्द्वानी में स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं में बढ़ोतरी की गई थी। खनिज न्यास निधि से बेस अस्पताल में एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) और आईसीयू की स्थापना की गई थी। अब एचडीयू तो संचालित है, लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से आईसीयू का संचालन नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन सुशीला तिवारी अस्पताल में बीसी जोशी कोविड केयर अस्पताल शुरू किया गया था। यह अस्पताल 500 बेड का बनाया गया था। बीसी जोशी कोविड केयर अस्पताल का सामान मेडिकल कॉलेज में जमा है। वहीं कोविड के पहले चरण में मरीजों की सुविधाओं के लिए 300 बेड मंगाए गए थे जिन्हें एक साल तक मिनी स्टेडियम में रखवा दिया गया था। बाद में इन्हें अन्य अस्पतालों में भेज दिया गया। सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी ने बताया कि कुछ बेड पहाड़ और कुछ बेड हल्द्वानी के अस्पतालों को दे दिए गए थे।
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटरों का मरीजों को मिल रहा लाभ : पीएमएस
नैनीताल। बीडी पांडे अस्पताल में कोरोना काल में आईसीयू वार्ड, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की उपलब्धता कराई गई थी। कोरोना काल में मरीजों को सुविधाओं का लाभ देते हुए आज भी सभी सुविधाएं सुचारु हैं। पीएमएस डॉ. एलएमएस रावत ने बताया कि आईसीयू वार्ड के साथ ही ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट चालू हालत में हैं। अस्पताल को मिले आक्सीजन कंसन्ट्रेटर भी मरीजों के काम आ रहे हैं।
बीडी पांडे अस्पताल में 130 बेड उपलब्ध
नैनीताल। बीडी पांडे अस्पताल के पीएमएस डॉ. एलएमएस रावत ने बताया कि वर्तमान में आईसीयू वार्ड में पांच और जनरल व अन्य वार्डों में 130 बेड मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। यह सभी सही हालत में हैं।

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