तिलाड़ी विद्रोही याद में सोमवार को प्रदेश भर में जुलूस, प्रदर्शन और संगोष्ठी आयोजित की जाएंगी। इन कार्यक्रमों के माध्यम से तिलाड़ी विद्रोह के शहीदों को याद कर राज्य की मौजूदा स्थिति पर मंथन के साथ सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध किया जाएगा। रविवार को प्रेस क्लब में राज्य के आंदोलनकारी, विपक्षी दलों और विभिन्न जन संगठनों से जुड़े लोगों ने पत्रकारों से बातचीत की। भाकपा के राज्य सचिव समर भंडारी ने कहा कि धरना, प्रदर्शन और संगोष्ठियां देहरादून, चमियाला, पौड़ी, भवाली, रामगढ़, रामनगर, बागेश्वर, अल्मोड़ा, श्रीनगर, थलीसैंण, रुद्रप्रयाग, टिहरी, मुंसियारी, उत्तरकाशी, उधमसिंहनगर में होंगे। इन कार्यक्रमों में वक्ता कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपनी बात रखेंगे। अतिक्रमण हटाने और परियोजनाओं के नाम पर गरीब परिवारों को बेघर करने का विरोध किया जाएगा। उत्तराखंड में चकबंदी और स्थानीय विकास के लिए भू-कानून की मांग उठाई जाएगी। राज्य में वन अधिकार कानून का अमल पूरी तरह से हो।
वन अधिकारों की मान्यता होने के बाद उनके आधार पर पर्यटन, छोटी परियोजनाओं और अन्य ऐसे प्रयासों द्वारा स्थानीय रोजगार के लिए योजना बनाई। वन अधिकार कानून के तहत वन में किसी भी संसाधन को इस्तेमाल करने से पहले वहां की स्थानीय ग्राम सभा से अनुमति ली जाए। कहा कि बड़ी परियोजनाओं को 37 प्रकार की कर छूट और सब्सिडी दी जा रही है। कर छूट और सब्सिडी को बंद करने की मांग भी इन कार्यक्रमों में उठाई जाएगी। इस मौके पर उत्तराखंड महिला मंच के संयोजक कमला पंत, समाजवादी पार्टी के राज्य अध्यक्ष डॉ. एसएन सचान, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल आदि मौजूद रहे।
तिलाड़ी दिवस पर प्रदेश में धरना और प्रदर्शन होंगे
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