हल्द्वानी। पिताजी की सेहत ठीक नहीं थी… उनकी देखभाल के लिए घर पर रुकी हुई थी। पर वीडियो कॉल के जरिये बड़े भाई (डॉ. समीर उपाध्याय) की रानीखेत में हो रही शादी के हर एक पल देख और महसूस कर रही थीं। परिजन भी थे। शाम छह बजे फेरे पूरे होते ही अचानक तबियत बिगड़ गई। सभी लोग उधर की तरफ भागे। चूंकि मैं डॉक्टर हूं.. तत्काल रिश्तेदारों से ग्लूकोज, रक्तचाप और ईसीजी की जांच कराने के लिए कहा। ईश्वर से प्रार्थना कर रहीं थीं कि ईसीजी (हृदय संबंधी दिक्कत) वाली कोई बात न हो। … पर वही बात सामने आयी। इतना बताते ही स्वाति का गला भर आया और आंखें छलक उठीं।
कठघरिया के नंदपुर के रहने वाले नवीन उपाध्याय के बेटे डॉ. समीर उपाध्याय की बरात शुक्रवार को रानीखेत के श्रीधरगंज गांव गई थी। जहां वैवाहिक कार्यक्रम के बीच अचानक तबीयत खराब होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। इससे पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। जिस घर को खूब सजाया गया था, खुशियों का इंतजार था। महिला संगीत और रिसेप्शन की तैयारी की थी, वहां सन्नाटा और आंसू थे। हर कोई घटना सुन स्तब्ध था….। शनिवार को डॉ. समीर की अंत्येष्टि रानीबाग चित्रशिला घाट पर हुई। चाचा ने मुखाग्नि दी। समीर की बहन स्वाति भी डॉक्टर हैं। वह सुशीला तिवारी अस्पताल में कार्यरत हैं।
पहले तबीयत में सुधार, दूसरा अटैक बना जानलेवा
हल्द्वानी। वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने गए लोगों के अनुसार, फेरे होने के बाद समीर के सीने में दर्द हुआ तो अस्पताल ले गए। जहां पर कुछ देर में समीर को होश आ गया था। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक है। पर कुछ देर बाद ही अचानक फिर तबीयत खराब हुई तो क्रूर काल ने समीर को सबसे छीन लिया। समीर के परिवार के लोगों के अनुसार उच्च रक्तचाप की समस्या रहती थी, इसके अलावा कोई अन्य दिक्कत नहीं थी। वह सेहतमंद थे। किसी तरह की शारीरिक दिक्कत भी नहीं बतायी थी। पड़ोसियों के अनुसार समीर फुटबाल भी खेलते थे।
हर कोई समीर के व्यवहार का मुरीद
हल्द्वानी। हर कोई समीर के व्यवहार का मुरीद था। पड़ोस से लेकर समीर दंत रोग विशेषज्ञ के तौर पर मैट्रिक्स हास्पिटल में कार्यरत थे। अस्पताल डॉ. प्रदीप पांडे कहते हैं कि चार साल से वह अस्पताल में सेवा दे रहे थे। हर कोई उनके व्यवहार का मुरीद था। पड़ोसी बताते हैं कि माता-पिता के अलावा दो छोटी बहनें हैं। इनमें एक की शादी हो गई है, जबकि दूसरी डॉक्टर है और सुशीला तिवारी अस्पताल में कार्यरत हैं। समीर अपने परिवार का खूब ध्यान रखता था। किसी भी चीज की घर में कमी न रहे, इसका ध्यान रखता था।
वीडियो कॉल पर भाई की शादी की खुशियां मातम में बदलीं
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