भू-धंसाव के बाद असुरक्षित हो चुके होटल माउंट व्यू और मलारी इन के ध्वस्तीकरण का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। बृहस्पतिवार को होटलों की आखिरी मंजिल की छत को भी तोड़ दिया गया है। जल्द ही ध्वस्तीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। एक माह से चल रहे ध्वस्तीकरण कार्य में लगभग एक करोड़ 20 लाख तक खर्च आया है। जोशीमठ में भू धंसाव के चलते होटल माउंट व्यू और मलारी इन दरारें आने से तिरछे हो गए थे जिससे आसपास की आबादी के लिए खतरा बढ़ गया था। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने होटलों के ध्वस्तीकरण को लेकर आदेश जारी किया। होटल स्वामियों की सहमति पर 12 जनवरी से ध्वस्तीकरण शुरू किया गया। शुरू में सिर्फ मजदूरों से होटलों को तोड़ा जाने लगा लेकिन बाद में इसे तोड़ने के लिए जेसीबी लगा दी गईं। छह मंजिला मलारी इन और पांच मंजिला माउंट व्यू को ध्वस्त करने में लोक निर्माण विभाग के 70 से अधिक मजदूर और तीन जेसीबी लगी हैं।
बृहस्पतिवार को होटलों की अंतिम मंजिल की छत को भी तोड़ दिया गया है जिसके बाद अब नीचे की दीवारें ही तोड़ी जानी शेष है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही ध्वस्तीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। लोनिवि के एई अनिल ने बताया कि होटलों के ध्वस्तीकरण में करीब एक करोड़ 20 लाख तक का खर्च आया है। ध्वस्तीकरण कार्य अंतिम चरण में है, होटलों की आखरी छत को तोड़ा जा रहा है। – जल्द ध्वस्तीकरण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। नगर में रोपवे के पास होटल कामेट और स्नोक्रेट भी दरारें आने से असुरक्षित हो चुके हैं। स्नोक्रेट के मालिक अनिल प्रजापति ने बताया कि उन्होंने होटल के असुरक्षित होने का फार्म भरकर प्रशासन को दे दिया है।
एक करोड़ 20 लाख आया होटलों के ध्वस्तीकरण का खर्च, आखिरी मंजिल की छत भी तोड़ी
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