गदरपुर। न्यूनतम वेतन और स्थायीकरण की मांग के लिए एक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन का शुक्रवार को ब्लॉक सम्मेलन आयोजित किया गया। श्री सुहावा राम भुड्डी धर्मशाला में हुए सम्मेलन में यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ. कैलाश पांडे ने कहा कि सरकार आशाओं के हितों पर कुठाराघात कर उनका शोषण कर रही है। कोरोना महामारी के दौरान आशा कार्यकर्ताओं सेवाएं महत्वपूर्ण रहीं लेकिन सिर्फ तारीफ से काम नहीं चलेगा। सरकार को आशाओं को न्यूनतम वेतन और स्थायी कर्मचारी का दर्जा देना चाहिए। जिला अध्यक्ष ममता पानू ने कहा कि संगठन और संघर्ष के बल पर ही आशाओं ने आज तक कुछ अधिकार हासिल किए हैं और आगे भी आशाएं सरकार से अपना हक संघर्ष के बल पर हासिल कर सकती हैं।
सम्मेलन के दौरान 15 सदस्यीय ब्लाक कार्यकारिणी का चुनाव हुआ। इसमें माया देवी को ब्लॉक अध्यक्ष, सुशीला राणा को उपाध्यक्ष, प्रेमलता को सचिव, लक्ष्मी रावत को कोषाध्यक्ष व दिव्या भारती को उप सचिव चुना गया। इस दौरान कुलविंदर कौर, सुशीला मेहता, शमीम जहां, तारा भट्ट, हेमा बिष्ट, नीलम रानी, मंजू नेगी, कल्पना मिस्त्री, किरण नागपाल, आशा चक्रवर्ती, मीनाक्षी अरोरा, कुसुमलता, बच्चन कौर, सबीना, दीपा बोरा आदि थीं।