नई दिल्ली।
चाणक्य डिफेन्स डायलॉग के तीसरे संस्करण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की आतंकवाद-रोधी रणनीति का निर्णायक मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल भारत की सैन्य क्षमता का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन था, बल्कि इसने यह भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत शांति का पक्षधर होते हुए भी अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है।
“भारत वैश्विक शांति का समर्थक, लेकिन सुरक्षा से कोई समझौता नहीं” — राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत बिना किसी अकारण आक्रामकता के, सिर्फ आतंकवादी प्रशिक्षित शिविरों को निशाना बनाकर भी बड़े और प्रभावी सैन्य अभियान सफलतापूर्वक संचालित कर सकता है।
उन्होंने कहा कि यह अभियान “भारत की जिम्मेदार वैश्विक शक्ति” वाली छवि को और मजबूत करता है।
आत्मनिर्भर भारत से मजबूत होती सेना
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह दशक भारतीय सेना के लिए ‘Decade of Transformation’ साबित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि—
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सेना में तकनीकी आधुनिकीकरण तेजी से बढ़ रहा है।
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स्वदेशी रक्षा उपकरणों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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आधुनिक हथियारों, ड्रोन, संचार प्रणालियों और स्मार्ट युद्धक तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ा है।
राष्ट्रपति ने इसे आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) की बड़ी सफलता बताया।
युवाओं और महिलाओं की भागीदारी पर जोर
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी और महिलाएं अब रक्षा क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने बताया कि—
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विभिन्न कार्यक्रमों के तहत युवाओं को रक्षा क्षेत्र में अवसर दिए जा रहे हैं।
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NCC का विस्तार किया जा रहा है।
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सेना में महिलाओं की भर्ती और नेतृत्व भूमिकाओं में उनकी उपस्थिति तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि मजबूत और आधुनिक सेना के लिए समान भागीदारी बेहद जरूरी है।
ऑपरेशन सिंदूर: क्यों माना जा रहा है ऐतिहासिक?
राष्ट्रपति के मुताबिक:
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यह ऑपरेशन भारत पर हुए भीषण आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था।
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इसमें सिर्फ आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया, आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
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कुछ ही मिनटों में कई आतंकी ठिकानों को सटीक हमलों से ध्वस्त किया गया।
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और सक्षम सैन्य शक्ति का उदाहरण रहेगा।
राष्ट्रपति का संदेश: “भारत शांतिप्रिय है, लेकिन आतंकवाद पर करारा जवाब देगा”
मुर्मू ने कहा कि भारत कभी संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है और रहेगा।
उन्होंने सुरक्षा बलों के साहस और परिश्रम की सराहना करते हुए कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए भारत दुनिया के सामने एक नई, सटीक और संतुलित रणनीति प्रस्तुत कर रहा है।