अल्मोड़ा। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए खोला गया मेडिकल कॉलेज मरीजों को कोई राहत नहीं दे सका है। ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू नहीं होने से गंभीर मामलों में यहां मरीजों को हल्द्वानी, बरेली की ही दौड़ लगानी पड़ रही है। अल्मोड़ा में 450 करोड़ रुपये से मेडिकल कॉलेज को धरातल में उतारा गया। दो साल पूर्व इसका संचालन भी शुरू कर दिया गया। लेकिन अब तक यहां ओटी का संचालन शुरू नहीं हो सका है। इसके लिए मंगाईं गईं जरूरी मशीनरी पैकिंग से बाहर नहीं निकल सकी हैं। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक ऑपरेशन थियेटर का भवन बनकर तैयार हो गया है। लेकिन भवन हस्तांतरित न होने से ओटी का संचालन शुरू नहीं हो सका है। यहां हर रोज जिले के विभिन्न हिस्सों के साथ ही बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिलों से ऑपरेशन कराने 20 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। लेकिन उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया जा रहा है।
अग्निशमन की तरफ से एनओसी इंतजार
अल्मोड़ा। मेडिकल कॉलेज का संचालन तो शुरू कर दिया गया। लेकिन अब तक न तो भवन हस्तांतरित हुआ है और न ही यहां आग की घटनाओं से निपटने के इंतजाम हो सके हैं। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन को अग्निशमन विभाग की तरफ से एनओसी नहीं मिल सकी है। बगैर अनुमति के प्रबंधन ओटी का संचालन नहीं कर सकता। कॉलेज प्रबंधन की यह लापरवाही मरीजों पर भारी पड़ रही है।
कोट- भवन हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। आग की घटनाओं से निपटने के इंतजाम की किए जा रहे हैं, जिसके लिए पानी के टैंक का निर्माण किया जा रहा है। जल्द अग्निशमन विभाग की एनओसी मिल जाएगी और ओटी का संचालन शुरू होगा। – डॉ. सीपी भैंसोड़ा, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा।
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन ठप, मरीज लगा रहे हैं मैदानी क्षेत्रों की दौड़
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