हल्द्वानी। अधिकांश पब्लिक स्कूलों में 30 से 40 फीसदी बच्चों के अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं। सरकार ने भी लॉकडाउन के बाद से अब तक कोई मदद नहीं की है। आदेश हैं कि विद्यालय ट्यूशन फीस के अलावा किसी तरह का शुल्क नहीं ले सकते। ऐसे में स्कूल प्रबंधनों को शिक्षकों, कर्मचारियों का मानदेय निकलना मुश्किल हो गया है। स्कूल प्रबंधन आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। स्कूल एसोसिएशन ने सरकार ने उन्हें संकट से उबारने के लिए आर्थिक सहयोग दिए जाने की मांग की है।
पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश भगत और महामंत्री मणिपुष्पक जोशी ने बताया कि शहर में करीब 150 पब्लिक स्कूल हैं। कोविड काल में लॉकडाउन के बाद आज तक स्कूल आर्थिक संकट झेल रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई होने और सरकार की ओर से ट्यूशन फीस लेने पर प्रतिबंध लगाए जाने से करीब 40 फीसदी अभिभावक स्कूल फीस जमा नहीं कर रहे हैं। ट्यूशन फीस के अलावा किसी तरह का शुल्क नहीं लिए जाने का आदेश होने से अन्य अभिभावक भी पूरा शुल्क नहीं दे रहे हैं। बसों का संचालन बंद है। आर्थिक परेशानी की वजह से स्कूल स्टाफ का मानदेय निकालना भी मुश्किल हो गया है। सरकार ने कोविड काल में संकट के दौर से गुजर रहे पब्लिक स्कूलों को किसी तरह की राहत नहीं दी। उन्होंने सरकार से स्कूलों को संचालित कराने के लिए आर्थिक सहयोग किए जाने की मांग की है।