उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में लगातार चौथे दिन भी मौसम खराब रहा। धारचूला और मुनस्यारी की चोटियों पर हिमपात जबकि निचले इलाकों में बारिश हुई। मार्च में जनवरी जैसी ठंड पड़ने से लोगों को अलाव जलाने पड़े। बाजारों में सुनसानी छाई रही। बारिश का क्रम मंगलवार को भी सुबह से ही जारी रहा। जिला मुख्यालय के अलावा डीडीहाट, अस्कोट, कनालीछीना, धारचूला, मुनस्यारी, बेड़ीनाग, गंगोलीहाट, थल, मुवानी, नाचनी क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। धारचूला के व्यास घाटी में गुंजी से लेकर लिपुलेख और दारमा घाटी की पहाड़ियों पर जमकर हिमपात हुआ है। दोनों घाटियों की चोटियों पर एक फुट से अधिक जबकि गांवों में छह इंच हिमपात हुआ है।
मुनस्यारी की पंचाचूली, राजरंभा सहित अन्य चोटियों पर भी हिमपात हुआ। लगातार चार दिनों से मौसम खराब होने से मंगलवार को कड़ाके की ठंड हुई। इस कारण लोगों को अलाव जलाने पड़े। घाटी क्षेत्र बंगापानी में भी लोगों ने अलाव जलाए। गंगोलीहाट बाजार में लोग जगह-जगह अंगीठी पर आग सेकते नजर आए। ठंड के चलते लोगों को दोबारा गर्म कपड़े निकालने पड़े। थल में दस घंटे तक बारिश हुई जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। बैंक, पोस्टआफिस और सरकारी कार्यालयों में इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। बाजारों में कम ही खरीदार पहुंचे। डीडीहाट बाजार में भी दिन भर सुनसानी छाई रही। जिले भर में शाम तक बूंदाबांदी का क्रम जारी था।
मौसम खराब होने से बंद रहे निर्माण कार्य
पिथौरागढ़। मौसम लगातार खराब होने से मंगलवार को भवन सहित अन्य निर्माण कार्य बंद रहे। इसके चलते मजदूर वर्ग भी काम पर नहीं जा सका। नगर से लेकर कस्बों तक यही स्थिति रही। मौसम का रुख देखकर किसान भी चिंतित हैं। किसानों को ओलावृष्टि होने से फसलों के बर्बाद होने का डर भी सता रहा है।
बारिश-बर्फबारी से बढ़ी ठिठुरन, मार्च के महीने में जलाने पड़ रहे अलाव
RELATED ARTICLES