देहरादून रोड स्थित एक होटल में आवाज साहित्यिक संस्था की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में दिल्ली के साहित्यकार श्रीकृष्ण शास्त्री जिज्ञासु की पुस्तक रत्न प्रभा का विमोचन किया गया। बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में साहित्यकार जिज्ञासु ने कहा कि इस पुस्तक में सुशीला सेमवाल के माध्यम से एक संघर्षशील नारी की कहानी लिखी गई है, जो अपने लक्ष्य को स्वयं तय करती है। सुशीला सेमवाल एक पहाड़ की उस नदी के समान हैं जो पत्थरों से टकराकर अपने साथ जड़ी बूटियों का रस घोलती निर्मल जल को देकर सभी को पुष्पित और पल्लवित करती हैं। इस पुस्तक में भी इसी प्रकार की नारी की दास्तान लिखी गई है। पर्वतीय नारी संघर्षशील और हमेशा धैर्यवान और कठिन परिस्थितियों में भी सामंजस्य स्थापित कर आगे बढ़ती है।
सुशीला सेमवाल ने कहा कि भले ही मैं इस पुस्तक की एक प्रतिनिधि के रूप मै हूं लेकिन इससे समाज के हर वर्ग में पिछड़ी कमजोर वर्ग की नारी को सफल बनाने में एक प्रेरणा मिलेगी। इस मौके पर व्यावसायी और समाजसेवी दिनेश कोठारी, अशोक क्रेजी, डॉ. सुनील कुमार, आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल, रमा बल्लभ भट्ट, गजेंद्र कंडियाल, दिनेश सती, हेमलता ममगाईं, भगवती रतूड़ी, दिनेश कोठारी, विनय उनियाल, प्रीति शुक्ला, हेमलता ममगाईं, गजेंद्र कंडियाल और महिपाल बिष्ट मौजूद रहे।
नारी संवेदना और नारी सशक्तिकरण पर आधारित रत्न प्रभा पुस्तक का विमोचन
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