हल्द्वानी। 15 साल पुराने वाहनों की फिटनेस और नवीनीकरण कराने को लेकर मार्च में निर्देश जारी किए गए थे। इसके बावजूद हजारों की संख्या में बिना वैधता और फिटनेस के वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। वाहनों की फिटनेस और नवीनीकरण कराने वाले लोगों की संख्या न के बराबर है। 23370 निजी वाहनों में से महज 129 का ही नवीनीकरण हो पाया है, जोकि महज 0.55 फीसदी है।
आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि हल्द्वानी में 23370 निजी वाहनों का नवीनीकरण होना है। इनमें 7730 कारें और 15640 मोटर साइकिलें हैं। वहीं हजारों व्यवसायिक वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र भी नहीं है। ऐसे में बड़ी संख्या में बिना फिटनेस के वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। नाममात्र लोगों ने ही वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र और नवीनीकरण करवाया है। अगर एक अप्रैल 2022 से 22 अप्रैल 2022 तक का आंकड़ा देखा जाए तो अभी तक केवल 154 वाहन चालकों ने अपने वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र बनवाया है। वहीं मात्र 129 निजी वाहन चालकों ने वाहनों का नवीनीकरण कराया है। संवाद
जल्द नहीं कराया नवीनीकरण और फिटनेस तो पड़ेगा जुर्माना
- निजी वाहनों के नवीनीकरण में देरी होने पर बाइक के लिए 300 रुपये प्रतिमाह और कार के लिए 500 रुपये प्रतिमाह का जुर्माना भरना पड़ेगा।
- व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस न कराने पर 50 रुपये प्रतिदिन के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
क्यों जरूरी है वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र
एआरटीओ विमल पांडे ने बताया कि सड़क पर खराब वाहनों के चलने से हर साल हजारों की संख्या में हादसे होते हैं। इनमें सैकड़ों की संख्या में लोगों की मौत होती है या फिर कई लोग घायल हो जाते हैं। इसी वजह से परिवहन विभाग वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र तभी देता है, जब वाहनों में कोई तकनीकी कोई दिक्कत न हो। इसके अपने कुछ मानक होते हैं, जिनमें वाहनों में रिफ्लेक्टर का लगा होना, स्टेरिंग ठीक होना, इंडीकेटर, वाईपर, इंजन, ब्रेक सिस्टम समेत अन्य तकनीकी चीजें एकदम दुरुस्त होनी चाहिए।
बिना वैधता और फिटनेस के पकड़े जाने पर यह है प्रावधान
एआरटीओ ने बताया कि अगर कोई वाहन जिसका फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है या फिर जिनकी वैधता समाप्त हो चुकी है पकड़े जाते हैं। तो उन्हें एमवी एक्ट 207 के तहत सीज किया जा सकता है। इसके अलावा वाहन चालक पर 5000 रुपये का जुर्माना भी डाला जा सकता है।