पिथौरागढ़। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनी पेयजल योजनाओं में अच्छे फिल्टर की कोई व्यवस्था नहीं होती है। इसके चलते बरसात में ग्रामीणों को मिट्टी युक्त दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अधिक बारिश होने पर नलों से मिट्टी युक्त पानी आने लगता है। इससे संक्रामक बीमारियों का भी खतरा रहता है। बड़ी पेयजल योजनाओं में फिल्टरेशन सिस्टम लगा होता है। गांवों और कस्बों के लिए बनी छोटी पानी की योजनाओं में फिल्टर सिस्टम नहीं होता है। यदि फिल्टर लगा भी होता है तो उसमें मटमैले पानी को साफ करने की क्षमता नहीं होती है। इसके चलते मूसलाधार बारिश होने पर मिट्टी युक्त पानी की आपूर्ति होने लगती है। यही हाल बरसात में मुवानी में भी होता है। मुवानी कस्बे के लिए तड़ीगांव से पानी की योजना है।
अधिक बारिश होने पर यह योजना क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसके बाद मिट्टी युक्त पानी आने लगता है। मूसलाधार बारिश से योजना क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके चलते दो दिन तक पानी नहीं आया। योजना का सुधार करने के बाद जब शुक्रवार को आपूर्ति की गई तो मिट्टीयुक्त पानी की आपूर्ति हुई। इसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय निवासी सुरेंद्र सिंह पुजारा ने बताया कि बरसात में यह समस्या बनी रहती है। उनका कहना है कि एक ओर सरकार स्वच्छता का संदेश देती है दूसरी ओर साफ पानी की आपूर्ति के लिए कोई प्रबंध तक नहीं हैं। इस संबंध में जल संस्थान के जेई कमल भट्ट ने बताया कि योजना में फिल्टर सिस्टम लगा है लेकिन सड़क कटिंग के मलबे के स्रोत में घुसने से पानी अधिक मिट्टीयुक्त हो जाता है। तड़ीगांव से मुवानी के लिए बनी पेयजल योजना में जल जीवन मिशन के तहत नया फिल्टर सिस्टम लगाने का प्रस्ताव है। इसके बाद लोगों को साफ पानी मिलने लगेगा।
बरसात में दूषित पानी पीने के लिए मजबूर ग्रामीण
RELATED ARTICLES