नैनीताल। हाईकोर्ट ने श्रीनगर गढ़वाल के कांडा लगा रामपुर में अलकनंदा स्टोन क्रशर के निर्माण पर रोक लगाते हुए राज्य के औद्योगिक, वन सचिव, कमिश्नर गढ़वाल, डीएम पौड़ी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 मई की तिथि नियत की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। श्रीनगर गढ़वाल फरासू निवासी नरेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ग्रामीणों के भारी विरोध के बावजूद प्रदेश सरकार ने कांडा लगा रामपुर में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दी है। इससे आसपास के पर्यावरण, क्षेत्र के प्राचीन प्रसिद्ध मंदिरों गौरा देवी एवं राज राजेश्वरी को जाने वाले मार्ग, परंपरागत पेयजल स्रोतों के साथ ही वन्य जीवों पर बुरा असर पड़ सकता है। याचिका में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भूगर्भ एवं खनन विभाग सहित कई अन्य को पक्षकार बनाया गया है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अलकनंदा स्टोन क्रशर के निर्माण पर रोक लगाते हुए राज्य के औद्योगिक, वन सचिव, कमिश्नर गढ़वाल, डीएम पौड़ी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।