मातृसदन के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कोयलघाटी स्थित धरनास्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया। स्वामी शिवानंद ने कहा कि अंकिता भंडारी केस की ऑनलाइन सुनवाई होनी चाहिए। पुलिस को अंकिता भंडारी के मामले में सब कुछ पता है, लेकिन वह वीआईपी का नाम नहीं बता रही है। धरनास्थल पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि न्याय के लिए लोगों को धरना देना पड़ रहा है। जो धरना दे रहे हैं पुलिस उन्हें उठाकर 12 बजे रात ले जाती है। जब पुलिस अन्याय कर रही है तो उससे न्याय की बात कहां से करें।
वीआईपी कौन है पुलिस ने अभी तक उसका नाम क्यों नहीं बताया। इस मामले में रिजॉर्ट का मालिक, पुलिस के सामने बयान दर्ज कराने के लिए गया था, उस समय उसने पुलिस को वीआईपी के नाम क्यों नहीं बताया। यदि वीआईपी का नाम नहीं बताया तो नार्को टेस्ट किया जाना चाहिए था। कहा कि उत्तराखंड में कितने इस प्रकार के रिजॉर्ट हैं। पहले कितने लोग इस रिजॉर्ट में आए, इस बात का खुलासा क्यों नहीं हुआ। फास्ट ट्रैक कोर्ट के बारे में उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने अभी तक वीआईपी मेहमान का नाम नहीं बताया तो फास्ट ट्रैक से कैसे उम्मीद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे कोयलघाटी स्थित धरनास्थल पर इसलिए आए हैं ताकि लोग समझ जाए कि धरना दे रही माताएं अकेली नहीं है। उन्होंने कहा सरकार सोच रही होगी कि हमारा संगठन बड़ा है इसलिए हम अपने बल पर इस आंदोलन को दबा देंगे। लेकिन मातृसदन न्याय के लिए आवाज उठाता रहेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस के मुखिया को बदल देना चाहिए। उन्हें(मुखिया को) अंकिता भंडारी हत्याकांड के बारे में सब कुछ पता है।
स्वामी शिवानंद सरस्वती ने आंदोलन को दिया समर्थन, कहा- पुलिस बताए कौन है वो वीआईपी?
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