पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ में बहुप्रतीक्षित थरकोट झील जुलाई 2022 तक अस्तित्व में आ जाएगी। सिंचाई विभाग ने झील का 98 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है। झील के निर्माण का मुख्य उद्देश्य सीमांत में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाना है। झील से शहर के लिए पानी की योजना भी बनेगी जिससे पेयजल संकट दूर होगा।
थरकोट में करीब 32 करोड़ की लागत से 750 मीटर लंबी, 53 मीटर चौड़ी और 15 मीटर गहरी कृत्रिम झील का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में गेट लगाने सहित कई अन्य कार्य अंतिम चरण में हैं। बरसाती नालों के कई बार उफान पर आने के कारण निर्माणाधीन झील कई बार मलबे से भर गई थी जिससे निर्माण कार्य काफी प्रभावित हुआ था। फिलहाल कार्यदायी संस्था ने झील का 98 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी जुलाई दूसरे सप्ताह तक झील के अस्तित्व में आने का दावा कर रहे हैं।
पेयजल योजना भी है प्रस्तावित
पिथौरागढ़। थरकोट झील से पिथौरागढ़ नगर के लिए पेयजल योजना भी प्रस्तावित है। भविष्य में पेयजल योजना का निर्माण किया जाना है। पेयजल योजना के निर्माण से नगर में पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों को राहत भी मिलेगी। झील के निर्माण के बाद सोरघाटी में पर्यटन गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है। झील का लगभग 98 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष कार्य को तेज गति से पूरा किया जा रहा है। जुलाई दूसरे सप्ताह तक थरकोट झील अस्तित्व में आ जाएगी। – संजय जोशी, जेई सिंचाई विभाग पिथौरागढ़
जुलाई दूसरे सप्ताह तक अस्तित्व में आ जाएगी थरकोट झील
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