संजीव चतुर्वेदी से पेपर मिलने के बाद राजपाल और संजीव ने बड़े सुरक्षित तरीके से काम किया। ज्यादा लोगों को पता न चले इसलिए उन्होंने पेपर सॉल्व करने के लिए किसी विशेषज्ञ की मदद नहीं ली। बल्कि, दोनों ने रिजॉर्ट और रामपाल के घर में खुद अभ्यर्थियों को बैठाकर गूगल के माध्यम से पेपर सॉल्व कराया।
पटवारी, लेखपाल भर्ती परीक्षा के प्रश्न संजीव चतुर्वेदी से प्राप्त होने के बाद आरोपी राजपाल और संजीव को पता था कि इसमें ज्यादा लोगा को शामिल किया गया तो मामला बिगड़ सकता है और उत्तराखंड सेवा चयन आयोग की तरह हश्र हो सकता है। इसलिए उन्होंने गुपचुप तरीके से काम किया। चूंकि, राजपाल हरिद्वार स्थित एक कॉलेज में प्रवक्ता है और बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाता था। इसलिए उसके संपर्क में कई ऐसे बच्चे भी थे, जिन्होंने पटवारी, लेखपाल परीक्षा के आवेदन किया था।
चुनिंदा अभ्यर्थियों से संपर्क किया, जो पैसे दे सकते थे
आरोपियों ने इसलिए उसने उन्हीं चुनिंदा अभ्यर्थियों से संपर्क किया, जो पैसे दे सकते थे। इसके बाद उसने अपने खास जानने वाले संजीव जो अस्पताल में काम करता था, उससे और रिश्ते में चाचा लगने वाले रामकुमार से संपर्क किया। खास बात यह रही कि प्रश्नों को सॉल्व करने के लिए उन्होंने किसी विशेषज्ञ की मदद नहीं ली। खुद ही गूगल और अन्य माध्यमों से अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराया। ताकि, ज्यादा हो हल्ला न हो।
हल्ला न मचे इसलिए गूगल की मदद से खुद हल करवाए आरोपियों ने पेपर, ऐसे रचा पूरा खेल
RELATED ARTICLES