हल्दूचौड़ (नैनीताल)। देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार के उपकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या का बृहस्पतिवार को यहां गायत्री शक्तिपीठ हल्दूचौड़ पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। डॉ. पंड्या ने यहां प्रस्तावित दो भवनों का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में उत्थान और पतन दोनों की संभावनाएं होती हैं यदि व्यक्ति के जीवन में अच्छे संस्कारों का वातावरण हो तो व्यक्ति श्रेष्ठ मार्ग को प्राप्त करता है और उसके जीवन में कुसंस्कार नफरत, अशांति का माहौल हो तो फिर व्यक्ति मानव जीवन की बजाए पशु जीवन की ओर अग्रसर होता है।
कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ संस्कार प्राप्त होकर अंगुलिमाल जैसा दुष्ट प्रवृत्ति का राक्षस भी धर्म का महान प्रचारक बना। कहा कि सत्संग का व्यक्ति के जीवन में बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि युग ऋषि वेद मूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की ओर से युग निर्माण योजना का लक्ष्य रखा गया है, उस उद्देश्य की पूर्ति होने का यह समय है क्योंकि कलिकाल अपने चरम की ओर अग्रसर है।
ऐसे में धर्म एवं अध्यात्म के द्वारा कलिकाल की विनाशलीला को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि गायत्री महामंत्र का जाप करने से हम अपने श्रेष्ठ कर्म को श्रेष्ठ प्रतिफल में परिवर्तित कर सकते हैं। इस दौरान गायत्री परिवार की ओर से मिशन 2026 के तहत घर-घर यज्ञ यज्ञ के संदर्भ में भी प्रकाश डाला गया। इससे पूर्व डॉ. चिन्मय पंड्या का यहां पहुंचने पर गायत्री परिवार की ओर से कतारबद्ध तरीके से उनका स्वागत किया गया। पूर्व मंत्री तथा गायत्री शक्तिपीठ के संस्थापक सदस्य हरीश चंद्र दुर्गापाल ने तिलक लगाकर गायत्री परिवार की ओर से उनका अभिनंदन किया।
डॉ पंड्या ने पूर्व मंत्री का माल्यार्पण कर तथा वेद माता गायत्री की प्रतिमा देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ के प्रबंधक बसंत पांडे, समाजसेवी हेमवती नंदन दुर्गापाल, हरीश चंद्र तिवारी, रतन गिरी गोस्वामी, ललित सनवाल, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य भास्कर, हरिनंदन ओली, हरीश चंद्र तिवारी, जगदीश पांडे, बृजेश जोशी, टीएस रौतेला, चंद्रकला रौतेला, जानकी पांडे आदि मौजूद थे।
व्यक्ति के जीवन में उत्थान और पतन दोनों की संभावनाएं: डॉ चिन्मय पंड्या
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