अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में छह के खिलाफ आरोप तय किए , जबकि साक्ष्यों के अभाव में चार को आरोपमुक्त कर दिया गया। अदालत ने कहा, आरोपियों के खिलाफ खजूरी खास और भजनपुरा इलाकों में तोड़फोड़, आगजनी और पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने के मामले में मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने मामले में चार अन्य आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया। हेड कांस्टेबल अनिल कुमार के बयान के आधार पर 2020 थाना खजूरी खास में मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि भीड़ ने तोड़फोड़ की और विभिन्न दुकानों, रेहड़ियों और पुलिस बूथ भजनपुरा में आग लगा दी। उक्त भीड़ द्वारा किए गए पथराव में कई आम लोगों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों पर हमला कर घायल करने का आरोप लगाया गया। पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 147, 148, 186, 188, 332, 353, 427, 436 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने आरोपी सरफराज, फिरोज, इकराम, मुस्तकीम, गुलफाम उर्फ जुबैर और सद्दाम उर्फ इकरार के खिलाफ आरोप तय किए है। वहीं सह-आरोपी गुलफाम, जावेद, अनस और शोएब आलम को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। अदालत ने कहा आरोपियों को घटनास्थल से ही गिरफ्तार किया गया था। गवाहों व पुलिस अधिकारियों के बयानों से यह स्पष्ट है कि आरोपी सरफराज, इकराम और मुस्तकीम उपरोक्त दंगाई भीड़ के सदस्य थे। अनस, जावेद, शोएब आलम और गुलफाम को आरोपी फिरोज के खुलासे के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान दंगाइयों के रूप में वीडियो फुटेज में नहीं हो पाई। उनके खिलाफ कोई गवाह नहीं है।
छह के खिलाफ आरोप तय, चार अन्य साक्ष्यों के अभाव में मुक्त
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