Thursday, December 5, 2024
Homeउत्तराखण्डभक्तों का दावा- देहरादून के इस प्राचीन मंदिर में भरती है निःसंतान...

भक्तों का दावा- देहरादून के इस प्राचीन मंदिर में भरती है निःसंतान की गोद, इससे जुड़ी है कई मान्यताएं

देहरादून के बल्लूपुर चौक पर प्राचीन शिव मंदिर स्थित है. यह मंदिर करीब 150 वर्षों पुराना है. जिससे कई तरह की मान्यताएं जुड़ी हैं. इस मंदिर से जुड़ी मान्यता यह भी है कि श्रावण के महीने में इस मंदिर में अर्चना करने और 101 बेल पत्र यानि बेल के पत्ते चढ़ाने से निःसंतान लोगों की गोद भरती है आचार्य कमलेश मिश्रा ने बताया कि साल 1876 में भभूती लंबरदार ने इस मंदिर की स्थापना की थी. इस प्राचीन मंदिर से कई मान्यता जुडी है. मंदिर के पुजारी आचार्य कमलेश मिश्रा ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है और यहां कई सिद्धपीठ और प्राचीन मंदिर है . महाभारतकाल के भी कई मंदिर यहां मौजूद है . इन मंदिरों से सभी लोगों की आस्था जुड़ी है. उन्ही प्राचीन मंदिरों में से एक मंदिर यह भी है. पुजारी कमलेश मिश्रा ने जानकारी दी कि इस मंदिर से यह मान्यता जुड़ी है कि यहां श्रावन माह में 101 बेल पत्र चढ़ाने और अर्चना करने पर सन्तान की प्राप्ति होती है.
मिलता है सुकून
बल्लूपुर निवासी रेणु का कहना है कि वो यहां आते हैं तो सुकून मिलता है. ईश्वर में आस्था हो तो वह हर परेशानी दूर करता है. हम भगवान का हाथ पकड़ते हैं तो भगवान हमारा हाथ पकड़ता है और परेशानी से निकालता है.बल्लूपुर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में बेल पत्र इसलिए चढ़ाए जाते हैं क्योंकि बेल पत्र भगवान भोलेनाथ को प्रिय थे. शिवपुराण के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले विष के कारण संसार पर संकट मंडराने लगा था. तब भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए उस विष को गले में धारण कर लिया. इससे शिव के शरीर का तापमान बढ़ने लगा और पूरी सृष्टि आग की तरह तपने लगी. इस कारण धरती के सभी प्राणियों का जीवन कठिन हो गया

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments