ऑलवेदर रोड ने श्रद्धालुओं के लिए न केवल चारधाम का सफर सुगम बनाया, बल्कि इसकी दूरी घटाकर समय भी बचाया। इस यात्रा रूट पर पुल निर्माण और मोड सीधे होने के साथ-साथ सुरंग बनने से चारधाम की दूरी 20 किमी तक घट गई है। पहले ऋषिकेश से चारधाम की दूरी (जाना और आना) 1528 किमी थी, जो अब घटकर 1508 किमी रह गई है। ऑलवेदर प्रोजेक्ट के तहत चारधाम यात्रा रूट का चौड़ीकरण का काम अभी जारी है। ऋषिकेश से गंगोत्री-यमुनोत्री रूट पर चंबा तक काम पूरा हो चुका है। बदरीनाथ-केदारनाथ रूट पर भी ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक काम लगभग पूरा हो रहा है। एनएच श्रीनगर के ईई बलराम मिश्रा ने बताया कि रुद्रप्रयाग तक करीब 15 पुल बनाए गए हैं। जिससे ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक की दूरी आठ किमी घटी है।रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक भी दूरी एक किमी कम हुई है। श्रीनगर में धारी देवी के पास बाईपास बन रहा है। इसके बन जाने के बाद बदरी-केदार की दूरी नौ किमी और कम हो जाएगी। यमुनोत्री पर भी ब्रह्मखाल के पास सुरंग का काम जारी है। बीआरओ के कमांडर राजेश राय ने बताया कि चंबा में सुरंग बनने से गंगोत्री की दूरी दो किमी कम हुई है।
ट्रेन से 33 किमी घटेगी बदरीनाथ की दूरी
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन का काम 2024 तक पूरा होना है। कर्णप्रयाग तक रेललाइन की दूरी 126 किमी है। जबकि सड़क से यह दूरी 156 है। रेललाइन बनने के बाद बदरीनाथ की दूरी 33 किमी घट जाएगी।
ऑलवेदर रोड से चारधाम की दूरी 20 किमी तक घटी, जानें ऋषिकेश से प्रमुख शहरों की दूरी
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