Sunday, November 24, 2024
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भारत में पहली बार दिखा ध्रुवीय ज्योतिपुंज औरोरा, लेह में वेधशाला ने किया रिकॉर्ड

सूर्य पर अत्यधिक सौर सक्रियता और इससे पृथ्वी पर भू-चुंबकीय तूफान आने के चलते भारत में पहली बार औरोरा (ध्रुवीय ज्योतिपुंज) रिकॉर्ड किए गए हैं। इसे लेह के पास करीब 15 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला ने रिकॉर्ड किया। मार्च में ही सौर सक्रियता से संबंधित इस दुर्लभ संभावना की सूचना दी थी।बीते दो महीने से सूर्य पर चल रही अत्यधिक सोलर सक्रियता और पृथ्वी के आकार से 30 गुना बड़े छिद्र (कोरोनल होल) के कारण पृथ्वी की ओर आने वाले ऐसे तूफान के बाद पहली बार भारत में यह घटना कैमरे में रिकॉर्ड हुई।
चुनिंदा ध्रुवीय देशों में बहुत ज्यादा ऊंचाई पर नजर आने वाले इन औरोरा के भारत में इतनी कम ऊंचाई पर पहली बार नजर आने से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। 24 मार्च को पृथ्वी पर बीते छह वर्षों में जी 4 श्रेणी का सबसे शक्तिशाली सौर भू-चुंबकीय तूफान आया था जो दूसरे नंबर का सर्वाधिक तीव्र सौर तूफान माना जाता है। इसके बाद से यह सिलसिला हफ्तों जारी रहा, जिसके परिणामस्वरूप यह दुर्लभ घटना नजर आई। औरोरा अब तक ध्रुवीय क्षेत्रों अलास्का, आइसलैंड, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन जैसे देशों में ही अत्यधिक ऊंचाई पर नजर आता रहा है। इसी कारण इनके नाम में ही ध्रुवीय शब्द जुड़ा है।
लेह में वेधशाला ने किया रिकॉर्ड
21 अप्रैल को सूर्य से लगभग 21 लाख किमी प्रति घंटे की गति से एक वृहद कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) पृथ्वी पर पहुंचा था। यह इतना सशक्त था कि इससे भारत में पहली बार औरोरा (ध्रुवीय ज्योति पुंज) नजर आई, जिसे दक्षिण पूर्व लद्दाख में लेह के निकट लगभग पंद्रह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित प्रकाशीय तथा अवरक्त खगोल-भौतिकी की विश्व की सबसे ऊंची भारतीय खगोलीय वेधशाला ने रिकॉर्ड किया।
इतनी कम ऊंचाई पर औरोरा देखना दुर्लभ
आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डाॅ. शशि भूषण पांडे ने भारतीय खगोलीय वेधशाला के ट्वीट के हवाले से बताया कि इतने कम अक्षांश व ऊंचाई पर औरोरा को देखना अत्यंत दुर्लभ है। विश्वभर के अंतरिक्ष विज्ञानी भारत में पहली बार घटी इस अविश्वसनीय, अनोखी और दुर्लभ घटना से हैरान हैं। सौर गतिविधियों के अध्ययन से जुड़े आईआईए के वैज्ञानिक डॉ. वागीश मिश्रा ने बताया कि 32 डिग्री के जिस अक्षांश पर भारत में यह देखा गया, उसी अक्षांश पर अमेरिका, एरिजोना, वर्जीनिया में भी उसी वक्त देखा गया।

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