हल्द्वानी। गौलापार में हाईकोर्ट शिफ्ट करने को लेकर केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, बीते दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यहां खेल विश्वविद्यालय खोलने की बात कही, लेकिन दूसरी ओर स्थानीय प्रशासनिक तंत्र गौला नदी लांघने को तैयार नहीं है। वजह यह है कि सरकारी योजनाओं को यहां शुरू तो किया गया था लेकिन उनमें से कोई भी योजनाएं पूरी तरह से परवान नहीं चढ़ सकी हैं। कुछ योजनाओं का काम रुक गया है तो कुछ को यहां से समेटने की कवायद शुरू कर दी गई है। एक समय था जब गौलापार को ग्रेटर हल्द्वानी बनाने की बात कही जाती थी। आईएसबीटी, अंतरराष्ट्रीय जू, मोटर व्हीकल ट्रेनिंग सेंटर, ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाए जाने की योजना बनी। इनमें से कोई योजना पूरी नहीं हुई है बल्कि कुछ तो अब यहां से हटाया भी जा रहा है।
आईएसबीटी-
साल 2008-09 में तत्कालीन सरकार ने आईएसबीटी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। साल 2015 में वन विभाग ने परिवहन विभाग को भूमि हस्तांतरित कर दी। आठ हेक्टेयर भूमि से 2625 रहे पेड़ काटे गए। साल 2016 में आईएसबीटी निर्माण कार्य का शिलान्यास हुआ। मई 2017 में निर्माणस्थल से खोदाई में कंकाल मिले। सरकार ने निर्माण पर रोक लगा दी। बाद में आईएसबीटी को यहां से शिफ्ट करने की बात चल पड़ी। साल 2019 में मुक्त विवि के पास आईएसबीटी को जमीन देने की हरी झंडी मिली। हालांकि बाद में यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया। अब मामला कोर्ट में विचाराधीन है। सरकार फिलहाल काठगोदाम में हिल डिपो बनाने की बात कह रही है।
मोटर ट्रेनिंग स्कूल
गौलापार में मोटर व्हीकल ट्रैक बनाया जा रहा था। साल 2008 में इसकी योजना बनी थी। केंद्र सरकार धनराशि देने को तैयार हो गयी थी। साल 2015 में परिवहन विभाग को स्लाटर हाउस वाली भूमि मिली। इसके बाद बीती दिसंबर में परिवहन सचिव ने यहां का दौरा किया था। तब माना जा रहा था कि मामले में तेजी आएगी। अनुमान था कि मोटर ट्रेनिंग स्कूूल और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ट्रेक एक ही जगह पर बनेंगे लेकिन बीते दिनों परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने हल्द्वानी में निर्देश दिए कि आरटीओ में आधुनिक ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ट्रेक बनाया जाए और साथ ही मोटर ट्रेनिंग स्कूल के लिए संभावनाएं देखी जाएं।
वाहन फिटनेस सेंटर
गौलापार में वाहनों की फिटनेस होती है। अब वाहनों की फिटनेस निजी कंपनी करेगी। इसके लिए रामपुर रोड पर बेलबाबा के पास वाहन फिटनेस सेंटर बनाया जाएगा। सब कुछ सही रहा तो छह माह में ये शुरू भी हो जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय जू
इसका शिलान्यास अक्टूबर 2016 में हुआ था। यहां वन्य जीवों के लिए रेस्क्यू सेंटर बनाया जाना था। इसके लिए 400 हेक्टेयर भूमि दी जा चुकी थी। इसका काम भी ठंडे बस्ते में है। इसका कई बार बस नाम बदला जा चुका है। अगर ये जू बनता तो गौलापार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकती थी।
अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम
गौलापार में साल 2016 में स्टेडियम का लोकार्पण किया गया था। यहां द ग्रेट खली और अंतरराष्ट्रीय रेसलिंग प्रतियोगिता कर चुके हैं। अब यहां फिलहाल कोई विशेष गतिविधि नहीं हो रही है। स्टेडिमय की दुर्दशा हो रही है। अगर इस स्टेडियम में खेल गतिविधियां शुरू होतीं तो स्थानीय खिलाड़ियों को लाभ होता।
बोले माननीय-
गौलापार में विकास योजनाएं रुकी नहीं हैं। यहां हाईकोर्ट बनाया जा रहा है। साथ ही स्पोर्ट्स कॉलेज के लिए स्वीकृति मिल गयी है। गौलापार में महाविद्यालय बनाया गया है। आईएसबीटी का मसला कोर्ट में विचाराधीन है। गौलापार की उपेक्षा नहीं की जा रही है। – डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, विधायक, लालकुआं।
डॉ. इंदिरा हृदयेश ने अपने कार्यकाल में आईएसबीटी, इंटरनेशनल स्टेडियम, इंटरनेशनल जू बनाने की योजना शुरू की थी। वो गौलापार में ग्रेटर हल्द्वानी बनाना चाहतीं थीं जिससे यहां पर्यटन और रोजगार की संभावनाएं बढ़तीं। अगर कांग्रेस की सरकार होती तो अब तक यहां पर रणजी के मैच तो हो जी जाते। भाजपा केवल धार्मिक उन्माद फैलाना जानती है। इनकी सोच विकास विहीन है। – सुमित हृदयेश, विधायक, हल्द्वानी
गौला लांघने को तैयार नहीं प्रशासनिक सिस्टम
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