जम्मू के पहलगाम में बस दुर्घटना में जान गंवाने वाले भुरमुनी गांव के दिनेश सिंह के घर पहुंचकर आईटीबीपी के अधिकारियों ने सांत्वना दी। दिनेश की मां गीता बोहरा और पत्नी बबीता बोहरा का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता पूरन सिंह भी बड़े बेटे की मौत से गहरे सदमे में हैं और तीन साल की पोती के साथ ही खुद को भी संभाल रहे हैं।लाडले का पार्थिव शरीर आने का इंतजार कर रहे परिजनों के लिए एक-एक पल भारी हो रहा है। आईटीबीपी के इंस्पेक्टर धाम सिंह के नेतृत्व में बुधवार को आईटीबीपी के जवान दिनेश के घर पहुंचे। टीम को देखते ही मां गीता बिलख-बिलख कर रोने लगी तो पत्नी बबीता भी खुद को नहीं संभाल पाई। उनके रोने से पूरा माहौल और अधिक गमगीन हो गया। आईटीबीपी की महिला जवानों ने दिनेश की मां और इंस्पेक्टर धाम सिंह ने पिता को सांत्वना दी। दो घंटे तक आईटीबीपी की टीम दिनेश के घर रही।
घर में छाया मातम
भुरमुनी गांव के बेटे आईटीबीपी की चौथी वाहिनी में तैनात जवान दिनेश सिंह बोहरा की मंगलवार को जम्मू के पहलगाम में बस दुर्घटना में मौत हो गई थी। परिजनों को देर रात में सूचना मिली तो घर में मातम छा गया। दिनेश की पत्नी अपनी तीन साल की बेटी के साथ पिथौरागढ़ शहर में किराए के कमरे में रहती है। परिजन रात में ही बबीता को गांव ले गए और उसे पति की मौत की जानकारी दी। खबर सुनते ही पत्नी बदहवास हो गई। पड़ोसियों और परिजनों ने उसे बमुश्किल संभाला। दिनेश वर्ष 2008 में आईटीबीपी में भर्ती हुआ था। उसका छोटा भाई राकेश बोहरा हल्द्वानी में नर्सिंग अधिकारी हैं।
लाडले का पार्थिव शरीर देख बिलख उठी मां, पहलगाम हादसे में शहीद हुआ पिथौरागढ़ का जवान
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