‘यूक्रेन की राजधानी कीव की धरती बम और मिसाइल के धमाकों के दहल रही है। रंग-बिरंगी लाइटों से चमचमाने वाले शहर में अब शाम ढलते ही घनाघोर अंधेरा छा जाता है। सड़कों पर सन्नाटा और किसी भी को भी घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। रूसी सैनिक टैंकों पर घूम रहे हैं और यूक्रेन के सैनिक गुरिल्ला वार (छुप-छुपकर हमला) कर रहे हैं। हम अनिश्चिता में जीवन रहे हैं, डर तो लगता है, लेकिन होगा वही जो विधाता को मंजूर है।’कीव में फंसे देहरादून के प्रेमनगर निवासी यशवीर सिंह ने ‘हिन्दुस्तान’ से फोन पर कीव के ताजा हालात बताए। होटल में काम करने वाले यशवीर ने बताया कि उनके साथ टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग के चार युवक भी हैं और एक युवक हरियाणा से है। उन्होंने बताया कि शनिवार तक उनका कमरा एक बिल्डिंग के 12वें फ्लोर पर था, लेकिन बिल्डिंग के आसपास लगातार धमाके हो रहे थे। 100 मीटर दूर एक बिल्डिंग पर रूसी सैनिकों ने मिसाइल गिरा दी थी, दशहत में उन्होंने रूम छोड़कर होटल के बंकर में आसरा ले रखा है। उनके साथ बाकी साथी भी हैं। कल तक अफरातफरी का माहौल था, कुछ लोग सड़कों दिख रहे थे, लेकिन अब सड़कें सूनीं हैं, सिर्फ टैंकों पर रूसी सैनिक ही दिखाई दे रहे हैं, कोई भी घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा। युद्ध से पहले कीव शहर की बहुमंजिला बिल्डिंग रंग-बिरंगी लाइटों से चमचमाती थी, लेकिन अब शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है, जिस बिल्डिंग में लाइटें जलती हैं, रूसी सैनिक उसी के आसपास गोलाबारी कर देते हैं।
रात को जिस बिल्डिंग में दिख रहा उजाला, वहीं हो रहा धमाका
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