रुद्रपुर। तापमान में लगातार गिरावट होने से गलन बढ़ गई है। ठंड व गलन का सीधा असर बच्चों की सेहत पर देखने को मिल रहा है। मौसम में बदलाव के कारण सर्दी, खांसी जुकाम, बुखार, कोल्ड डायरिया व निमोनिया के संक्रमण की चपेट में बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। वहीं बड़े, बुजुर्ग भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टरों ने अभिभावकों को बच्चों की देखरेख में कोताही नहीं बरतने की सलाह दी है।तराई में गलन बढ़ने से जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में बीमार बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिला अस्पताल में रोजाना इलाज के लिए करीब 100 बच्चे पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरडी भट्ट ने बताया कि दिन और रात में तापमान गिर रहा है और इसका सीधा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है।
सर्दियों में बच्चों की इम्युनिटी अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक कमजोर हो जाती है। एक से पांच वर्ष के बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। प्रतिदिन जिला अस्पताल इलाज के लिए पहुंच रहे 100 में से करीब 75 बच्चे एक से पांच साल के बीच के हैं। इसमें 10-15 केस निमोनिया व करीब पांच केस कोल्ड डायरिया के भी हैं। वहीं निजी अस्पताल के डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि उनके अस्पताल में रोजाना बच्चों की बीमारी से संबंधित 10 केस आ रहे हैं। अन्य सर्दी, खांसी जुकाम बुखार से संक्रमित हैं। कोल्ड डायरिया से ग्रसित बच्चों को सर्दी, जुकाम के साथ पतले दस्त की भी शिकायत हो रही है। निजी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक छाबड़ा ने बताया कि उनके पास इलाज के आने वाले 50 बच्चों में औसतन 20 बच्चों में निमोनिया की शिकायत हैं। डॉक्टरों ने बच्चों को गर्म कपड़े, गर्म पानी, हाई प्रोटीन युक्त भोजन, ठंड में बाहर न ले जाने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि अगर बच्चों को ठंड से संबंधी कोई परेशानी है तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।
सर्दी का सितम बच्चों पर भारी
काशीपुर/गूलरभोज। कड़ाके की ठंड के बीच बच्चों में निमोनिया और सर्दी लगने की शिकायत अधिक आ रही हैं। एलडी भट्ट उप जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव पुनेठा ने बताया प्रतिदिन 60-70 बच्चों की ओपीडी हो रही है। इनमें से 1-2 को निमोनिया की शिकायत होती है। वहीं गिरीताल स्थित निजी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद मोहन ने बताया प्रतिदिन की ओपीडी 40 से 50 की हो रही है। इसमें तीन-चार बच्चे निमोनिया व लगभग 20 बच्चे सर्दी लगने के प्रतिदिन आ रहे हैं। इस समय पांच बच्चे निमोनिया पीड़ित एनबीसीयू में भर्ती हैं जिनकी उम्र तीन माह से छह माह के बीच है। उन्होंने बताया निमोनिया व सर्दी लगने की शिकायत पांच साल तक के बच्चों में ज्यादा हो रही है। इधर गूलरभोज के अति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रोजाना छह से सात मरीज आ रहे हैं। इनमें बच्चों की संख्या नहीं है। ज्यादातर कमर दर्द व सर्दी जुकाम वाले ही रोगी है। क्षेत्र में भी निमोनिया से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं हैं। वही निजी डॉक्टरों के पास भी सर्दी, जुकाम, बुखार वाले मरीज आ रहे हैं।
बच्चों में निमोनिया, सर्दी-जुकाम की शिकायत, अस्पतालों में भर्ती
खटीमा। उप जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित बंसल ने बताया कि ठंड से खांसी-जुकाम के मामले बढ़ रहे हैं। ठंड और शीत लहर से डायरिया के कुछ मामले आ रहे हैं। उन्होंने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए ठंडी चीजें नहीं खिलाने और घर से बाहर निकलने पर गर्म कपड़े पहनाने का सुझाव दिया। स्पर्श अस्पताल में भर्ती अप्सरा वनकोटी, दक्ष, मानसी गुप्ता, तीन वर्षीय अभि निमोनिया बुखार एवं ठंड की शिकायतों से पीड़ित हैं। अस्पताल के बाल राग विशेषज्ञ डॉ. राजेश गंगवार ने बताया कि सुबह-शाम बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म सूखी हवा से बचाव करें। बच्चों को केला, संतरा, दही, अमरूद नहीं देने और धूल एवं धुएं से बचाएं। स्वास्तिक अस्पताल में जसकीरत कौर, निशांत बिष्ट, आध्या स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति सिंह ने बताया कि ठंड एवं शीत लहर का प्रकोप बढ़ा है। बच्चों को घर के अंदर रखें। खांसी, जुकाम की शिकायत पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
निमोनिया के लक्षण
बुखार
खांसी
सांसों का तेज चलना
पसली चलना व धसना
निमोनिया से बच्चों का बचाव
निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को पीसीवी वैक्सीन लगवाएं।
खांसते वक्त बच्चों के मुंह पर रुमाल लगाएं।
बच्चों के हाथ पैर की मालिश गर्म तेल से करें।
बच्चों के हाथ को बार-बार साफ करे ताकि कीटाणु न फैलें।
बाल रोग विशेषज्ञ के अभाव में चल रहे हैं चार स्वास्थ्य केंद्र
रुद्रपुर। जिले के जसपुर, बाजपुर, गदरपुर और सितारगंज के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र बाल रोग विशेषज्ञ नियुक्त नहीं है। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी डॉक्टरों का अभाव है। सीएमओ सुनीता चुफाल रतूड़ी ने बताया कि रिक्त पदों की भर्ती के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। शासन से आदेश आने के बाद जल्द ही रिक्त पदों की भर्ती की जाएगी।
तराई में तापमान घटा तो बच्चों में बढ़ा ठंड का संक्रमण
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