बाबा हैड़ाखान मंदिर जमरानी बांध परियोजना के चलते डूब क्षेत्र में आ रहा है। वर्तमान में नदी के एक ओर बाबा की गुफा और दूसरी ओर आश्रम परिसर स्थापित है। ग्रामीणों का कहना है कि 1970 में बाबा हैड़ाखान इसी गुफा में प्रकट हुए थे। वहीं उन्होंने इसी स्थान पर 9 मंदिरों की स्थापना कराई थी। बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना में मंदिर भी डूब क्षेत्र में आ रहा है तो बाबा के भक्तों की इच्छा है कि नया मंदिर और आश्रम एक ही परिसर में बने। साथ ही मंदिर ट्रस्ट और संघर्ष समिति इसे लेकर लगातार प्रयास कर रही है।
हैड़ाखान मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक राजेश मेहरा ने बताया कि बाबा हैड़ाखान को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। बताया कि अपने बुजुर्गों से सुना है कि 1922 में जल समाधि लेने वाले ब्रह्मचारी बाबा ने कहा था कि वे हैड़ाखान में फिर प्रकट होंगे। बताया यहां कई वर्षों पुराना शिवलिंग भी स्थापित है। मान्यता है कि ब्रह्मचारी बाबा ने ही शिवलिंग स्थापित किया था। वहीं 1970 में बाबा हैड़ाखान गुफा में प्रकट हुए थे। उन्होंने 1974-1975 के आसपास यहां मंदिरों का निर्माण शुरू करवाया था। लेकिन बाबा ने 1984 में समाधि ली थी। उसके बाद भी मंदिर के निर्माण और आश्रम के निर्माण का काम जारी रहा। उन्होंने बताया कि फिल्म अभिनेता शम्मी कपूर, यूपी के तत्कालीन राज्यपाल सीएनपी सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट ने मंदिर निर्माण के समय सहयोग किया था। अब मंदिर बांध निर्माण के लिये डूब क्षेत्र में आ रहा है, इससे मन काफी दुखी है। लेकिन हम सभी भक्त चाहते हैं कि एक ही स्थान में पूरा परिसर स्थापित हो।
आश्रम में स्थापित अस्पताल में ग्रामीणों को सस्ता इलाज
मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक राजेश मेहरा ने बताया कि आश्रम परिसर में अस्पताल भी स्थापित है। इसमें आयुर्वेदिक, एलोपिथिक, दंत रोग और पंचकर्म की सुविधा मिलती है। बताया कि ग्रामीणों को 10 रुपये की पर्ची बनानी पड़ती है। इसमें चिकित्सक परामर्श और नि:शुल्क दवाएं भी प्रदान की जाती हैं। साथ ही ट्रस्ट के स्टाफ और आगंतुकों के लिए भंडारा भी जारी रहता है।
विस्थापन के बाद एक परिसर में बन सकते हैं हैड़ाखान बाबा के मंदिर
RELATED ARTICLES