देश में मौजूद बाघों की वास्तविक संख्या की जानकारी इस साल जुलाई में हो जाएगी। इसके लिए इन दिनों देश के 52 टाइगर रिजर्व में एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) द्वारा बाघों की गणना कराई जा रही है। इस संबंध में पहले ही एनटीसीए के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालकों व टाइगर रिजर्व के निदेशकों को दिशा – निर्देश दिए जा चुके हैं। राष्ट्रीय बाघ सरंक्षण प्राधिकरण दिल्ली (एनटीसीए) की ओर से हर चार साल में बाघों की गणना का कार्य देश भर के टाइगर रिजर्व में एक साथ कराया जाता है। बीते वर्ष एक अक्टूबर कार्बेट टाइगर रिजर्व के जंगल के अलग-अलग जगहों पर ग्रिड बनाकर 270 जोड़े यानी 540 कैमरे लगाए गए थे। दिसंबर तक यह कैमरे लगाए गए। दो माह में कैमरों में जो भी डेटा आया उसे स्टोर करने के बाद दूसरे हिस्से कालागढ़ टाइगर में लगाए गए। सीटीआर के वरिष्ठ वन्य जीव वैज्ञा निक शाह बिलाल ने बताया कि कैमरे कालागढ़ में लगाए गए हैं। फरवरी में कैमरों को निकाल लिया जाएगा। इन कैमरों में जो बाघों की तस्वीरें कैद होंगी, उनका डेटा एकत्र किया जाएगा। दोनों जगह के बाघों का डेटा एकत्र होने के बाद इसे एनटीसीए को भेजा जाएगा। एनटीसीए इस डेटा का विश्लेषण कर इसी साल जुलाई में नतीजे जारी करेगा। एनटीसीए ने वर्ष 2018 में बाघ गणना कराई थी। जिसमें कार्बेट में 231 बाघ पाए गए थे। 2019 में सीटीआर ने अपने स्तर से भी बाघ गणना कराई थी। जिसमें बाघों की संख्या बढ़कर 252 हो गई। दो बाघ अब हरिद्वार भेजे जा चुके हैं। ऐसे में अब 250 बाघ यहां हैं। वहीं 2014 की गणना में देश में कुल 2226 और सीटीआर में 215 बाघ थे। वर्ष 2018 में देश में 2969 और सीटीआर में 231 बाघ मिले थे।
देशभर के टाइगर रिजर्व में NTCA करा रहा है बाघों की गणना, जानिए कब आएगी रिपोर्ट
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