प्रदेश में समान नागरिक संहिता के लिए गठित विशेषज्ञ समिति के पास डाक के माध्यम से इतनी चिट्ठियां आ गई हैं कि जगह कम पड़ गई। अब समिति ने और जगह ली है, ताकि अधिकारी बैठ सकें। मई में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।
समिति को छह माह के भीतर ड्राफ्ट तैयार करना था, जिसकी समय सीमा नवंबर में पूरी हो रही है। इस बीच समिति ने जनता से भी समान नागरिक संहिता पर सुझाव मांगे थे। समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह के मुताबिक, वेबसाइट पर 60 हजार से ज्यादा सुझाव आए हैं। ई-मेल के माध्यम से 20 हजार से ज्यादा सुुझाव प्राप्त हुए हैं लेकिन डाक के माध्यम से इतने सुझाव आए हैं कि उनके बैठने के तीन कमरे भर गए हैं। उन्होंने सरकार से और जगह ली है। उनके कर्मचारी दिन-रात डाक से आए सुझावों की लिस्टिंग करने में जुटे हुए हैं। हर सुुझाव को रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने अनुमानित सवा लाख सुझाव आने की बात कही है लेकिन इसकी पूरी संख्या डाक पत्रों की गणना पर निर्भर करेगी।
सभी सुझावों का अध्ययन करेगी समिति
समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि ई-मेल, वेबसाइट और डाक के माध्यम से आए सभी सुझावों का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद ही समिति ड्राफ्ट तैयार करेगी। हालांकि सीएम ने छह माह का समय दिया था लेकिन इतने सुुझावों की वजह से इसमें अभी वक्त लग सकता है। बता दें कि सुझावों के लिए 22 अक्तूबर तक का समय तय किया गया था।
यूनिफॉर्म सिविल कोड कमेटी के पास सुझाव की पहुंची इतनी चिट्ठियां कि कम पड़ गई जगह, जानें ये अपडेट
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