तेज गर्मी, पर्यटकों की भीड़ के कारण नैनीताल में पेयजल की मांग लगभग दोगुना हो गई है। इस कारण जल संस्थान नैनीझील से रोजाना 16 एमएलडी पानी की निकासी कर रहा है। इस कारण झील का जलस्तर रोजाना करीब एक इंच तक गिर रहा है। यही कारण है कि अप्रैल में नैनीझील तीन सालों के अपने सबसे न्यूनतम जलस्तर तक पहुंच गई है। यदि जल्द ही इस स्थिति को काबू न किया गया तो मई मध्य तक झील के लिए खतरे की घंटी बज सकती है।
झील नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश गैड़ा के अनुसार सोमवार को नैनीझील का जलस्तर अपने गेज लेबल से 5 फीट साढ़े दस इंच रिकॉर्ड किया गया। जबकि 2021 में यह सात फीट आठ इंच था। जबकि 2020 में 6 फीट पांच इंच जलस्तर रिकॉर्ड किया गया था। 2019 अप्रैल में झील का जलस्तर तीन फीट सात इंच तक पहुंच गया था। इस कारण झील के डेल्टा निकल आए थे। इतने कम पानी के कारण किनारे पर मछलियां तक मर गई थीं। इस कारण नैनीताल नगर में पेयजल की कटौती शुरू की गई थी।
नैनीताल में 29 डिग्री तापमान दर्ज हुआ
नैनीताल में सोमवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोपहर में तेज धूप के कारण नैनीताल में भी गर्मी का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम ठंडी हवाएं चलने के कारण राहत मिल रही है। तेज गर्मी के कारण पेयजल की मांग काफी अधिक बढ़ गई है। बीते कई दिनों से नैनीताल में तापमान लगातार 25 डिग्री से ऊपर बना हुआ है।
शहर में व्यावसायिक निर्माण भी वजह
नैनीताल में इन दिनों व्यावसायिक निर्माण कार्य काफी अधिक हो रहे हैं। इसमें सरकारी योजनाओं के साथ निजी निर्माण शामिल हैं। इसमें काफी अधिक पानी की जरूरत पड़ रही है। यह सारा पानी नैनीझील से ही निकाला जा रहा है। सूखाताल के साथ पार्किंग सहित कई अन्य योजनाओं का काम नैनीताल में प्रगति पर है। इसके अलावा निजी होटल व मकान बनाने का काम भी चल रहा है। ऊपर से पर्यटकों की भीड़ ने यहां व्यावसायिक उपयोग के लिए पानी की मांग को काफी अधिक बढ़ा दिया है।
तीन साल में सबसे कम हुआ नैनीझील का जलस्तर
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