ब्लॉक के भौरी गांव में तीन दिन पहले शुरू हुई तालाब की साफ-सफाई का काम मजदूरों ने रोक दिया है। उनका कहना है कि कड़ाके की ठंड में काम करने से कई मजबूर बीमार पड़ चुके हैं। ऐसे में निर्धारित समय में काम पूरा कराना अधिकारियों के लिए कड़ी चुनौती बन गया है। भौरी गांव में अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब के सुंदरीकरण का काम तीन दिन पहले शुरू किया गया था। अधिकारियों के पास इस काम को पूरा करवाने के लिए 20 जनवरी तक का समय है। ऐसे में अधिकारियों ने सफाई के लिए मनरेगा से मजदूरों को लगा दिया था। तीन दिन में तालाब का एक हिस्सा साफ किया गया लेकिन इसी बीच मजदूरों ने काम से इनकार कर दिया।
मजदूरों का कहना है कि दो दिन से जिस मजदूर ने भी यहां काम किया है ठंड की वजह से वह बीमार पड़ गए हैं। उन्हें विभाग से इतनी मजदूरी नहीं मिल रही है जितने उनके इलाज पर खर्च हो रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि फरवरी में मौसम ठीक होने पर ही काम किया जा सकता है। वहीं ग्राम विकास अधिकारी अशोक मनोज चौहान का कहना है कि तालाब की सफाई के लिए मजबूर नहीं मिल रहे हैं जबकि अधिकारी काम जल्द खत्म करने के निर्देश दे रहे हैं। ऐसे में समय से काम खत्म करना बड़ी चुनौती है।
अतिक्रमण हटाने की प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई
भौरी का यह तालाब दस्तावेजों में करीब 16 बीघा है जबकि वर्तमान में यह तालाब केवल पांच बीघा ही है। आसपास के लोगों ने इसपर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कर लिए हैं। तालाब पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के लिए ब्लॉक अधिकारी कई बार प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं लेकिन कब्जे हटाने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
तालाब में काम करने से मजदूरों ने खड़े किए हाथ
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