Saturday, November 23, 2024
Homeउत्तराखण्डयह कैसे विधानसभा चुनाव 2022! न शिक्षा को तरजीह और नहीं स्वास्थ्य...

यह कैसे विधानसभा चुनाव 2022! न शिक्षा को तरजीह और नहीं स्वास्थ्य की परवाह;BJP-कांग्रेस सहित राजनैतिक पार्टियां भूलीं

उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम मुद़दे चर्चा से गायब है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्कूलों में न तो पर्याप्त संसाधन ही हैं और शिक्षकों के भी हजारों पद खाली पड़े हैं। यही हाल स्वास्थ्य सेवाओं का भी है। पहाड़ के सारे सरकारी अस्पताल महज रैफरल सेंटर बने हुए हैं। चुनाव प्रचार में नेताओं के भाषणों में जात-पात, धर्म के मुद्दे और व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तो हावी हैं, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सवाल नदारद हैं।
शिक्षा: स्कूलों से घट रहे छात्र, न शिक्षक न संसाधन
राज्य के 20 हजार से ज्यादा बेसिक, जूनियर और माध्यमिक स्कूलों में राज्य गठन के बाद से शैक्षिक गुणवत्ता में गिरावट आ रही है। इसकी सीधी सीधी वजह स्कूलों में शिक्षकों और जरूरी संसाधनों की कमी है। माध्यमिक स्कूलों में इस वक्त 4300 से ज्यादा पद रिक्त हैं। इन पर अतिथि शिक्षकों के जरिए पढ़ाई हो रही है। शिक्षा में सुधार के लिए बनाए गए नवोदय स्कूल भी आज 20 साल में आधे अधूरे हैं। स्थायी शिक्षकों की जगह यहां भी संविदा के आधार पर शिक्षक काम कर रहे हैं। इसके बाद बनाए गए 500 मॉडल स्कूलों का प्रयोग भी कामयाब नहीं रहा। हर ब्लॉक में पांच-पांच स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाया गया था, लेकिन इन मॉडल स्कूलों में कभी शत प्रतिशत शिक्षक नहीं नियुक्त किए जा सके।
वर्तमान सरकार ने अटल उत्कृष्ट बनाए हैं, लेकिन इनमें भी शिक्षकों की नियुक्ति पूरी नहीं हो पाई। फीस एक्ट भी राज्य में एक बड़ा मुद्दा रहा है, लेकिन पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार भी इसे वादों से बाहर नहीं निकाल पाई। वर्तमान में सरकार ने आचार संहिता लागू होने के बाद स्कूल मानक प्राधिकरण के गठन का आदेश जरूर किया, लेकिन वो भी फाइलों में बंद है। शिक्षा की अनदेखी का नतीजा यह है कि हर साल बेसिक और जूनियर स्कूलों से 30 हजार से ज्यादा छात्र कम हो रहे हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments