Thursday, October 31, 2024
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अब तक 200 से ज्यादा लग्जरी कारें चुराने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

दक्षिण-पश्चिमी जिले के वाहन चोरी निरोधक दस्ते (एएटीएस) ने लग्जरी कारें चुराने वाले एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जैमर साथ लेकर वाहन चोरी करते थे। जैमर से कारों में लगा जीपीएस सिस्टम काम करना बंद कर देता था। पुलिस ने रिसीवर समेत रवि गिरोह के तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के सदस्य 200 से ज्यादा लग्जरी कारें चुरा चुके हैं। हॉलीवुड फिल्म फास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज से प्रभावित होकर आरोपी वाहनों को चोरी करते थे। दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी मनोज सी के अनुसार, जिले में वाहन चोरी की बढ़ती वारदातों को देखते हुए एएटीएस प्रभारी आनंद कुमार की देखेरख में एसआई संजीव बालियान व एसआई सुरेश कुमार की विशेष टीम गठित की गई। सुरेश कुमार की टीम ने टेक्निकल सर्विलांस व स्थानीय सूचना के बाद रवि गिरोह के उत्तम नगर निवासी मनीष राव उर्फ मोनू (42) और जगदीप शर्मा उर्फ विशाल शर्मा (43) को 25 मई को पश्चिमी विहार से गिरफ्तार किया था। वह चोरी की क्रेटा कार का उत्तम नगर सौदा करने आए थे। इनके कब्जे से तीन कारतूस के साथ .32 बोर की पिस्टल व दो कारतूस के साथ देशी कट्टा बरामद किया गया। इसके अलावा सेंसर किट, चुंबक, एलएनटी किट, 7 लग्जरी कारें, 8 रिमोट चाबी समेत काफी मात्रा में अन्य चाबियां बरामद की गईं। इसके बाद चोरी की कारें खरीदने वाले मेरठ निवासी आस मोहम्मद उर्फ बकरा (40) को गिरफ्तार कर लिया। वह चोरी की कारों को बेचने वाला मुख्य सप्लायर था। ये पूरी तरह कंडम हो चुकी कार के बदले में उसी तरह की कार की डिमांड कर कार चोरी करवाता था।
तीन से पांच मिनट में चोरी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों के पास से दो जैमर व एक स्कैनर बरामद हुए हैं। स्कैनर को मोबाइल में जोड़कर कार के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को हैक कर लेते थे, जिससे कार का सिस्टम या सॉफ्टवेयर निष्क्रिय हो जाता था। इसके बाद कार में अपना कोड (सॉफ्टवेयर) डालते थे और वह खुल जाती थी। इस कोड से ये कार की दूसरी चाबी बना लेते थे। इसके बाद ये कार को चुराकर ले जाते थे। ऐसे ये तीन से पांच मिनट में कार को चुरा लेते थे। नेपाल भी भेजते थे कारें : आस मोहम्मद चोरी की कारों का मुख्य सप्लायर था। उसके पास नेपाल, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश समेत उत्तर-पूर्वी राज्यों से डिमांड आती थी। डिमांड के हिसाब से वह रवि गिरोह से कारें चोरी करवाता था।
आरोपियों पर इतने केस
मनीष राव कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए वाहन चोरी करता था। इसलिए रवि उत्तम नगर गिरोह के लिए काम करता था। उसने नई-नई डिवाइस का इस्तेमाल कर रवि से कारों को चुराना सीखा था। रवि के खिलाफ वाहन चोरी के 26 मामले दर्ज हैं। जगदीप के खिलाफ 11 केस दर्ज हैं।
नई तकनीक अपनाई
आरोपियों ने खुलासा किया कि वह वर्ष 2012-13 से वाहन चुरा रहे हैं। वह नई तकनीकों का इस्तेमाल करते थे। कारें चुराते समय अवैध हथियार अपने पास रखते थे। किसी तरह का विरोध होने पर गोली चलाने में देरी नहीं करते थे। गिरोह का सरगना रवि घटना में शामिल होता था। अप्रैल 2022 से अब तक क्रेटा, ब्रेजा समेत अन्य 40 से ज्यादा लग्जरी कारें चुरा चुके हैं। इन्होंने ये कारें उत्तम नगर, तिलक नगर, सुभाष नगर, पश्चिमी विहार, मुनिरका और द्वारका से चुराई हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से वाहन चोरी के आठ मामले सुलझाने का दावा किया है।

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