Wednesday, November 13, 2024
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तीन सदस्सीय जांच टीम ने राममूर्ति अस्पताल में मारा छापा, रिकार्ड जांचा

काशीपुर। मरीजों की जान से खिलवाड़ किए जाने की शिकायत पर कुमाऊं मंडलायुक्त के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने मुरादाबाद रोड स्थित राममूर्ति अस्पताल में छापा मारा। शिकायत मिली थी कि इस अस्पताल में दसवीं फेल व्यक्ति जटिल आपरेशन करता है। टीम ने अस्पताल के रिकार्ड चेक किए और इलाज से संबंधित फाइलों की जांच की। टीम अपनी संयुक्त रिपोर्ट जल्द कुमाऊं मंडल आयुक्त को सौंपेगी। काशीपुर निवासी भाजपा कार्यकर्ता रामचंद्र सिंह, गजराम सिंह, प्रेम सिंह, अभिषेक शर्मा, संजय सक्सेना आदि ने सीएम, उच्च प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को शिकायत भेजी थी कि मुरादाबाद रोड पर संचालित राममूर्ति अस्पताल कहीं भी पंजीकृत अथवा लाइसेंसधारी नहीं है। अस्पताल में दक्ष डॉक्टर और स्टाफ बहुत कम है। यहां बिना डिग्री वाले लोग मरीजों का इलाज कर रहे हैं। फर्जी डिग्रियों और प्रतिष्ठित डॉॅक्टरों के नाम से अस्पताल का विज्ञापन किया जा रहा है। हाईस्कूल और इंटरपास लोग भी मरीजों का जटिल आपरेशन कर उनकी जान से खेल रहे हैं। शिकायत के साथ आपरेशन करते स्टाफ के फोटो भी संलग्न किए गए थे जिसमें जो व्यक्ति डॉक्टर की ड्रेस में आपरेशन करता दिख रहा है, वह हाईस्कूल फेल बताया गया है। उसके खड़ा दिखाई पड़ रहा युवक भी अप्रशिक्षित है।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशक डॉ. तारा आर्य को जांच करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में जांच के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशक डॉ. तारा आर्य की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया। प्रभारी सीएमओ और सीएमएस बाजपुर डॉ. पंकज माथुर को शामिल किया गया। शुक्रवार को निदेशक डॉ. तारा, एसीएमओ रुद्रपुर डॉ. हरेंद्र मलिक (प्रभारी सीएमओ) और सीएमएस बाजपुर डॉ. पंकज जांच के लिए राममूर्ति अस्पताल पहुंचे। इस अस्पताल का संचालन सरकारी अस्पताल में संविदा डॉक्टर शिवानी सिंघल और उनके पति चलाते हैं। शिकायत में सीपी मौर्य, यूसुफ, नईम अहमद और शाकिर हुसैन को पार्टनर बताया गया है। शुक्रवार को निदेशक डॉ. तारा के नेतृत्व में जांच टीम राममूर्ति अस्पताल पहुंची। टीम ने अस्पताल में नियुक्त स्टाफ की जानकारी जुटाई और अस्पताल के पंजीकरण, मरीजों के इलाज के रिकार्ड आदि का निरीक्षण किया। चेकिंग के दौरान अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती होना नहीं पाया गया। टीम ने जांच के बाद अपनी संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर ली है। निदेशक डॉ. तारा ने बताया कि जांच रिपोर्ट जल्द कुमाऊं कमिश्नर को सौंप दी जाएगी।
पार्टनरशिप के विवाद में हुई है शिकायत
काशीपुर। राममूर्ति अस्पताल में अनियमितताओं की शिकायत पूर्व में पार्टनर रहे व्यक्ति के इशारे पर की गई है। सूत्रों के मुताबिक इस अस्पताल में पांच पार्टनर थे। इनमें से एक पार्टनर का अन्य पार्टनरों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। साथ में काम करते हुए उसी ने ऑपरेशन कर रहे साथी पार्टनर के फोटो खींचे थे। इसके अलावा उसने अस्पताल के बोर्ड के फोटो भी खींच लिए। इन्हीं फोटो के आधार पर अस्पताल की शिकायत की गई है। कहा जा रहा है कि अगर अप्रशिक्षित व्यक्तियों के आपरेशन करने की बात जांच में सही पाई गई तो आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
महिला का गलत ऑपरेशन कर 1.70 लाख रुपये वसूलने का आरोप
काशीपुर। एक व्यक्ति ने एक निजी अस्पताल पर महिला का गलत ऑपरेशन कर 1.70 लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगाया है। निदेशक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा डॉ. तारा आर्य एक निजी अस्पताल की जांच के लिए आई थीं। ग्राम हिदायतुल्ला, थाना धामपुर (बिजनौर) के निवासी विनोद कुमार अपनी शिकायत उनके समक्ष रखी। उसका कहना था कि 09 अक्तूबर को उसकी मां संतोष देवी पैर फिसलने से गिर गई थी। उसकी डिस्क हिल गई थी। वह अपनी मां को लेकर मुरादाबाद रोड स्थित एक हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टर ने उसे ऑपरेशन का 1.70 लाख रुपये का पैकेज बताया। आश्वस्त किया कि आपरेशन के बाद मरीज अपने पैरों पर चलकर जाएगी लेकिन डॉक्टर ने उसकी मां की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन ठीक ढंग से नहीं किया। मां की हालत और बिगड़ गई और कोई सुधार नहीं आया है। निदेशक ने प्रभारी सीएमओ को जांच के आदेश दिए हैं। पीड़ित की सूचना पर कुंडा थाना पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर जानकारी ली। खबर लिखे जाने तक केस दर्ज नहीं हो सका है। महिला का ऑपरेशन करने वाले न्यूरो सर्जन डॉ. बलवंत सिंह का कहना है कि भर्ती करते समय मरीज पैरों से कमजोर थी। उसकी रीढ़ की हड्डी की नस दबी हुई थी। ऑपरेशन के दौरान बीपी बढ़ने से रोगी के दिमाग में खून का थक्का जम गया। इस बात का ऑपरेशन से कोई संबंध नहीं है। मरीज को फिजियोथरैपी की सलाह दी गई है। उन्होंने मरीज से 1.70 लाख रुपये वसूले जाने के आरोप को गलत बताया। कहा कि मरीज का कुल 2,62,636 रुपये का बिल है जिसमें से 1,44,000 रुपये जमा किया गया है।

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