Thursday, October 31, 2024
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खदान में मलबे की चपेट में आने से दो मजदूर घायल

बागेश्वर। रीमा क्षेत्र के उडियार में खड़िया खदान में काम करते समय दो मजदूर मलबे की चपेट में आकर घायल हो गए जबकि तीसरा घबराकर बेहोश हो गया। खदान संचालक ने घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी और खुद ही मजदूरों को प्राथमिक इलाज के बाद हायर सेंटर ले गया। घटना का पता चलने पर एसडीएम मौके पर पहुंचे और मामले की जांच करने की बात कही। घटना की सूचना पुलिस, प्रशासन को न देने से घटना पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह रीमा के उडियार स्थित शिखर माइन में काम करते समय तीन मजदूर मलबे की चपेट में आ गए। दो मजदूरों को काफी गंभीर चोट आई थी जबकि तीसरे को मजदूर को हल्की चोट आई थी। खदान संचालक ने घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को देने तक की जहमत नहीं उठाई। रीमा पुलिस चौकी के इंचार्ज संजय बृजवाल ने बताया कि मजदूरों के घायल होने का मामला संज्ञान में आने पर मौके पर गए। तब तक घायलों को ले जाया जा चुका था। चौकी इंचार्ज ने बताया कि दो घायलों को एक कार और तीसरे को दूसरी कार से ले जाने की बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी पुलिस को न देना गंभीर लापरवाही है।
इधर घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम सदर हर गिरि मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि उडियार स्थित दीवान सिंह पपोला की शिखर माइन में मजदूरों के घायल होने की सूचना मिली थी। उन्होंने मौके का मुआयना किया। खनन के दौरान दो मजदूरों नंदन राम (57) पुत्र रिटर राम निवासी जारती (बागेश्वर), दुखी राम (45) निवासी लखीमपुर खीरी पर बड़े-बड़े पत्थर गिरने की बात बताई गई है जिससे उन दोनों के हाथ-पैर में गंभीर चोटें आई हैं। बकौल एसडीएम दो मजदूरों पर पत्थर गिरता देख लखीमपुर खीरी निवासी शिव प्रताप (26) पुत्र दुखी राम घबराकर बेहोश हो गया। एसडीएम ने खदान में भूस्खलन होने से इनकार किया है। एसडीएम ने बताया कि खदान संचालक घायलों को स्वयं की व्यवस्था से हल्द्वानी ले गया है। यह भी बताया कि खदान संचालकों के मजदूरों का रास्ते में प्राथमिक इलाज कराने की जानकारी भी मिली है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
दो मजदूरों की मौत का था हो-हल्ला
बागेश्वर। शनिवार की सुबह से रीमा की किसी खड़िया खदान के दरकने से दो मजदूरों की मौत होने की बात उड़ रही थी। बताया जा रहा था कि दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीसरा गंभीर रूप से घायल हुआ है। इस सूचना पर मीडिया कर्मियों का जिला अस्पताल में जमावड़ा लग गया लेकिन अस्पताल में न तो घायल पहुंचे न कथित शव? एसडीएम हर गिरि ने खदान में किसी भी मजदूर की मौत होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि मजदूरों की मौत की बात अफवाह हो लेकिन कहानी में काफी झोल है जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जाएगी। बता दें कि जिले में सौ से अधिक खड़िया की खदानें हैं। अक्सर खदानों में मजदूरों के घायल होने की जानकारी मिलती है लेकिन घायल स्थानीय अस्पताल नहीं पहुंचते। मिलीभगत से मामला दबा दिया जाता है।
मजदूरों को हल्की चोट थी तो खदान में क्यों था सन्नाटा?
बागेश्वर। एसडीएम के निरीक्षण के दौरान शिखर माइन (खड़िया खदान) में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। कोई भी मजदूर काम करते हुए नहीं मिला। कुछ लोग एसडीएम के साथ जरूर दिखाई दे रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि यदि मजदूरों को हल्की चोट आई थी तो पूरी खदान के मजदूर कहां गायब हो गए। क्यों स्थल पर काम करते हुए एक भी मजदूर नहीं दिखा जबकि खदानों में सैकड़ों मजदूर काम करते हैं। घटना की जानकारी पुलिस को न देने, खदान पर पसरे सन्नाटे से तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।
सत्यापन तक नहीं कराते, पुलिस ने ठोका 10 हजार जुर्माना
बागेश्वर। शिखर माइन में घायल हुए तीनों मजदूरों का सत्यापन न होने पर पुलिस ने खदान संचालक का 10 हजार रुपये का चालान काटा है। रीमा पुलिस चौकी इंचार्ज संजय बृजवाल ने बताया कि खदान में मजदूरों के घायल होने की सूचना पर वह मौके पर पहुंचे। जांच में सामने आया कि खदान संचालक ने तीनों मजदूरों का सत्यापन नहीं कराया था। इस पर खदान संचालक का 10 हजार रुपये का चालान किया गया है। बता दें कि डीएम अनुराधा पाल ने प्रत्येक मजदूर का सत्यापन का कराने के आदेश देने के साथ ही सत्यापन की सूचना जिला प्रशासन को देना अनिवार्य किया है। इससे साफ हो गया है कि डीएम के आदेश की भी अवहेलना हो रही है। एसडीएम ने जानकारी दी है कि खड़िया के बड़े पत्थर दो मजदूरों पर गिरे थे। दोनों के हाथ-पैर में चोट आई है। एक मजदूर के बेहोश होने की सूचना है। घायलों को हल्द्वानी ले जाया गया है। मामले की जांच कराई जाएगी। – अनुराधा पाल डीएम बागेश्वर।

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