काशीपुर। दो साल बाद बिना किसी बंधन के रामलीला मैदान में रावण दहन किया गया। हजारों की संख्या में लोग इस पल के साक्षी बने। रावण का पुतला दहन देखने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।काशीपुर में हर साल रावण का दहन किया जाता है लेकिन कोरोना काल में दो साल से रावण दहन कई प्रतिबंध, शर्तों के साथ किया गया था। कोविड-19 की सरकारी गाइडलाइन के अनुसार पिछले साल 200 लोगों के भाग लेने की अनुमति थी। इस कारण श्रीराम लीला कमेटी ने श्रीराम लीला का मंचन रद्द श्रीराम कथा कराई थी लेकिन इस साल पूरी स्वतंत्रता के साथ रावण का पुतला दहन किया गया। इस कारण इस बार पुतला दहन देखने के लिए अधिक भीड़ उमड़ी। इस दौरान कमेटी प्रधान प्रबंधक महेश चंद्र अग्रवाल मामू, अध्यक्ष सुशील कुमार, एसपी चंद्रमोहन सिंह, सीओ वंदना वर्मा, विकास शर्मा खुट्टू, मनोज अग्रवाल, विकास गर्ग, शरद मित्तल, मुकेश शर्मा आदि रहे।
अंगद-रावण संवाद की लीला का मंचन
सितारगंज। 13वें दिन की रामलीला में विभीषण शरणागति, रामेश्वरम स्थापना, अंगद-रावण संवाद की लीला का मंचन किया गया। व्यास पीठ से बताया गया कि रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जहां मर्यादा, स्नेह, संस्कारों का हर कदम पर उदाहरण मिलता है लेकिन कई प्रसंगों का रहस्य एक बार में समझ पाना कठिन लगता है। रावण-अंगद संवाद से अहंकार पर विनम्रता की विजय हुई। वहां रामलीला संयोजक राकेश त्यागी, अमित रस्तोगी, पवन अग्रवाल, संजय गोयल, आशीष पांडेय, अभिषेक जैन, बंटी कौशल, मनोज अरोरा, भीमसेन गर्ग, भगवान भंडारी आदि थे।
दो साल बाद बिना किसी बंधन हुआ रावण दहन
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