Monday, January 13, 2025
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वादियां बुला रहीं, पर असुविधाएं रुला रहीं

बागेश्वर। कोविड काल में वीरान रहा पिंडारी ट्रैकिंग रूट इस साल गुलजार है। बर्फ से आच्छादित ग्लेशियर और प्राकृतिक छटा बिखेरते पहाड़ सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं लेकिन पिंडारी रूट में सुविधाओं की कमी से ट्रैकरों को परेशानियां भी खूब उठानी पड़ रही हैं। ट्रैकिंग रूट पर क्षतिग्रस्त पुल और टूटे रास्ते ट्रैकरों का इम्तिहान ले रहे हैं। द्वाली में बने नए पुल से भी आवाजाही शुरू नहीं हो सकी है। क्षेत्रवासियों ने विभाग से रूट की असुविधाओं का संज्ञान लेने और उनका जल्द निदान करने की मांग की है। पिंडारी ग्लेशियर की यात्रा अप्रैल से शुरू होती है। पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी के कारण ट्रैकिंग बंद रही। पर्यटन से जुड़े रोजगार पर भी इसका असर पड़ा और क्षेत्र के कई युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ा था। इस वर्ष ट्रैकरों के आने से लोगों को बेहतर कारोबार की उम्मीद जगी है लेकिन ट्रैकरों को जिस तरह से परेशानी उठानी पड़ रही है उससे ट्रैकिंग पर असर पड़ने की आशंका है। खाती गांव के गाइड राजेंद्र सिंह दानू बताते हैं कि द्वाली में विभाग ने पक्का पुल तो बनाया लेकिन पुल तक जाने का रास्ता दुरुस्त नहीं है। द्वाली चट्टान के पास रास्ता ध्वस्त है। 2013 में बना लकड़ी का पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। मजबूरन ट्रैकरों को नदी में बने पुलों से ही आवाजाही करनी पड़ रही है। बारिश के दिनों में नदी का जलस्तर बढ़ेेगा तो फिर से पुल बह जाएंगे और ट्रैकिंग पर भी असर पड़ेगा। वहीं द्वाली से आगे ज्वारपानी के पास भी रूट लंबे समय से ध्वस्त है। यहां से आगे जाने के लिए ट्रैकरों को जोखिम उठाना पड़ रहा है। विभाग के संज्ञान में मामला लाने के बाद भी रूट की मरम्मत नहीं की जा रही है।
करीब ढाई हजार ट्रैकर और सैलानी पहुंचे
बागेश्वर। क्षेत्रवासियों के अनुसार इस वर्ष अब तक पिंडारी, सुंदरढूंगा, कफनी आदि ग्लेशियरों की सैर के लिए करीब ढाई हजार लोग पहुंच चुके हैं। ट्रैकरों और सैलानियों के आने से क्षेत्र गुलजार है और कारोबार में भी लाभ हो रहा है। हालांकि ग्लेशियर रेंज के रेंजर शंकर दत्त पांडेय बताते हैं कि उनके रिकॉर्ड के अनुसार ट्रैकिंग रूट पर अब तक करीब 750 लोग ही आए हैं। द्वाली में बने पक्के पुल तक जाने वाले रास्ते में करीब 300 मीटर चट्टान है जिसमें 150 मीटर रास्ता खराब है। यहीं पर बना कच्चा पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। अभी पिंडारी जाने के लिए पहले की तरह नदी में बने पुल से यात्री जा रहे हैं। जल्द ही चट्टान से बने रास्ते की मरम्मत कराई जाएगी। क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर 15 मीटर का पैदल पुल बनाया जाएगा। ज्वारपानी में स्लाइड होने से परेशानी आई है जिसे दुरुस्त किया जाएगा। – एसके पांडे, अधिशासी अभियंता, लोनिवि कपकोट

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