जसपुर। मेडिकल प्रैक्टिशनर वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने बैठक कर अपंजीकृत डॉक्टरों के क्लीनिकों पर छापा मारने की निंदा की। उन्होंने सरकार से अपंजीकृत डॉक्टरों को प्रशिक्षण देकर पंजीकृत करने की मांग की। बृहस्पतिवार को ब्लॉक सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. बीएस गौतम ने कहा कि अपंजीकृत चिकित्सकों के क्लीनिकों में यदि स्वास्थ्य विभाग या प्रशासन छापा मारता है तो इनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा। सरकार को यह कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। प्रदेश सरकार को कुछ समय का प्रशिक्षण देकर प्रैक्टिस करने का मौका देना चाहिए। कहा कि सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों को हटाए जाने से पहले उनकी रोजी-रोटी की व्यवस्था करें। बिना डिग्री वाले चिकित्सक ही गरीब जनता के लिए भगवान बनकर आए हैं। अपंजीकृत चिकित्सक ही दूरदराज एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अपने क्लीनिक खोलकर गरीब, मजलूम व्यक्तियों का इलाज कर रहे हैं। बड़े डॉक्टर की फीस इतनी है कि गरीब व्यक्ति उनसे इलाज नहीं करा पाता है। पंजीकृत डॉक्टर से काम सीख कर आते हैं और अपना क्लीनिक खोल देते हैं। जनता नहीं चाहती कि इन चिकित्सकों को हटाया जाए। उन्होंने मांग की जिस प्रकार से आशाओं को ट्रेनिंग दी गई उसी तरह इन चिकित्सकों को भी ट्रेनिंग देकर इन्हें भी प्रैक्टिस का मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन का शिष्टमंडल जल्दी सीएम से मिलेगा। संचालन सदस्य विनोद कुमार ने किया। वहां बाबू रंजन राय, बृजेश कुमार, शकील अहमद, कृपाल सिंह, अब्दुल सलाम, शिव किशोर सिंघानिया, रंजीत कुमार, राकेश कुमार, पीके वर्मा, किरण देवी, रूबी मलिक, गुरमुख सिंह, गणेश मंडल, प्रदीप कुमार, विपिन कुमार, मुकेश कुमार, राजकुमार, किशन सिंह, नूर अहमद, राजपाल सिंह, विजयपाल सैनी, योगेश कुमार आदि थे।
अवैध रूप से चलता मिला क्लीनिक सील
सितारगंज। क्षेत्र में अपंजीकृत डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने नजर टेड़ी कर ली है। प्रभारी चिकित्साधीक्षक ने विभागीय, राजस्व और पुलिस टीम के साथ नगर में अपंजीकृत डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया। टीम ने एक क्लीनिक पर छापा मारा तो अवैध रूप से क्लीनिक चलता मिला। एक्सपायरी डेट की दवाएं बरामद हुईं। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस और राजस्व कर्मियों की टीम के साथ नहरपार वार्ड संख्या छह में एक क्लीनिक पर छापा मारा। प्रभारी चिकित्साधीक्षक डॉ. अभिलाषा पांडे के नेतृत्व में टीम ने क्लीनिक का निरीक्षण किया तो वहां नईम जहां क्लीनिक संचालित करते मिलीं। क्लीनिक में एक मरीज भर्ती था जिसे ड्रिप लगाई गई थी। टीम को क्लीनिक में प्रतिबंधित नारकोटिक्स और अन्य दवाएं मिलीं। प्रभारी चिकित्साधीक्षक डॉ. अभिलाषा ने बताया कि क्लीनिक पंजीकृत नहीं मिला। क्लीनिक में कोई चिकित्सक भी नहीं था। क्लीनिक को सील कर दिया गया है। रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजी जाएगी। टीम में नेत्र मित्र सुदीप सक्सेना, फार्मेसिस्ट केएन गोस्वामी, आशा हेल्थ वर्करों के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर मयंक नैनवाल, विवेक बिष्ट, मोहम्मद युनिस, कानूनगो वीरेंद्र लाल, पुलिस कर्मी चंद्रप्रकाश, गिरीश पाटनी आदि थे।
अपंजीकृत डॉक्टरों के क्लीनिकों पर छापा मारने की निंदा
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