यूपी रोडवेज का बिना टैक्स दिए उत्तराखंड में बस संचालन की दादागिरी बरसों से चली आ रही है। 2018 में हुआ परिवहन करार भी इस पर लगाम नहीं लगा पाया। हालात यह हैं कि न केवल बढ़ी हुई दरों बल्कि इससे पूर्व से भी कई साल से यूपी रोडवेज टैक्स नहीं दे रहा है। 29 अक्तूबर 2018 को उत्तराखंड व यूपी के बीच परिवहन करार हुआ था। इसमें तय हुआ था कि रोजाना यूपी रोडवेज की बसें, उत्तराखंड राज्य की सीमा में 216 मार्ग पर 2472 ट्रिप के साथ कुल एक लाख 39 हजार किमी चलेंगी। इसी तरह, उत्तराखंड रोडवेज की बसें यूपी की सीमा में रोजाना 335 मार्गों पर 1725 ट्रिप व दो लाख 52 हजार किमी की यात्रा करेंगी। इस करार में यह भी तय हुआ कि यूपी रोडवेज की बसें उत्तराखंड में हर माह अपना टैक्स जमा कराएंगी। करार के तहत उत्तराखंड तो हर साल टैक्स जमा करा रहा है, लेकिन यूपी ने कई साल से टैक्स जमा ही नहीं कराया।
परिवहन विभाग ने फिर भेजा यूपी को पत्र
परिवहन विभाग ने एक बार फिर यूपी परिवहन निगम को पत्र भेजा है। उत्तराखंड के सर्वे के मुताबिक, हर महीने यूपी की 1400 बसें आ रही हैं लेकिन यूपी का कहना है कि इनकी संख्या कम है। अब यूपी के रुख से ही साफ होगा कि कितनी बसों का कितना टैक्स मिलेगा। सर्वे से पहले यूपी की ओर से पांच से छह करोड़ सालाना दिए जा रहे थे।
सर्वे के हिसाब से बसों की संख्या और टैक्स की डिमांड यूपी को भेजी गई थी। यूपी ने अभी स्पष्ट रुख नहीं दिखाया है। फिलहाल हम लगातार टैक्स की डिमांड भेज रहे हैं। -एसके सिंह, उप परिवहन आयुक्त, परिवहन विभाग
यूपी रोडवेज की दादागिरी: परिवहन करार के बावजूद बरसों से टैक्स न भरने की चली आ रही मनमानी, उत्तराखंड को घाटा
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