काशीपुर। यूरिया की सप्लाई समय पर नहीं पहुंचने के कारण किसानों के सामने का यूरिया का संकट उत्पन्न हो गया है। जिन संस्थाओं में यूरिया है वहां किसानों की सुबह चार बजे से ही लाइन लग जा रही हैं। प्राइवेट खाद विक्रेता इसका लाभ उठा रहे हैं। इधर, इस समस्या से परेशान लगातार खाद उपलब्ध कराए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन विभागीय अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं। इन दिनों खेतों में गर्मियों में उगाए जाने वाले धान की फसल खड़ी है। इसके लिए यूरिया की जरूरत होती है लेकिन किसानों को खाद आसानी से नहीं मिल पा रहा है। किसानों को यूरिया किसान सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से मिलता है। समितियां किसानों को नकद व सहकारी बैंक के माध्यम से कृषि ऋण पर यूरिया उपलब्ध कराती हैं मगर किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिल रहा है। किसानों की शिकायत है कि समितियों की ओर से यूरिया के साथ जबरन यूरिया स्प्रे दिया जा रहा है।
किसानों की पीड़ा:
दुकानदार यूरिया के नाम पर किसानों को ब्लैकमेल कर रहे हैं। यूरिया के साथ जिंक व जाइम जबरन दिया जा रहा है। किसान को जरूरत न होते हुए भी लेना पड़ रहा है। इफ्को के विक्रय केन्द्रों से आवश्यकता के अनुसार यूरिया नहीं मिल पा रहा है। – मनप्रीत सिंह, प्रगतिशील किसान
गर्मियों के धान के लिए इन दिनों यूरिया की काफी आवश्यकता है। जिन किसानों ने गर्मियों का धान लगाया है वे यूरिया के लिए परेशान हैं। अगर मिल भी जाता है तो आवश्यकता के अनुसार नहीं मिलता। – बलजिंदर सिंह संधू, किसान नेता
किसानों के सामने यूरिया का गंभीर संकट है। प्राइवेट दुकानों के अलावा इफ्को भी यूरिया के साथ दवाइयां दे रहा है। किसानों की यूरिया की समस्या को लेकर 18 मई को मंडी में किसानों की पंचायत होगी। एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। अब हर महीने की 18 तारीख को किसानों की मासिक पंचायत होगी। – जितेन्द्र सिंह जीतू, युवा प्रदेश अध्यक्ष, भाकियू
जिन किसानों ने गर्मियों के धान की पौध लगाई है, वे यूरिया के लिए परेशान हैं। अगर किसान को 50 कट्टा यूरिया की आवश्यकता है तो उसे सिर्फ पांच कट्टे मिल रहे हैं। – अरुण शर्मा, अध्यक्ष, किसान विकास क्लब
यूरिया का संकट गहराया, दुकानों में लगी लंबी कतार
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