उत्तराखंड: भालू के हमले में गंभीर घायलों को 10 लाख तक सहायता, वन विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव
उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहे मानव–वन्यजीव संघर्ष को देखते हुए वन विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने सुझाव दिया है कि भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल होने वाले व्यक्तियों को इलाज के लिए 10 लाख रुपये तक की अनुग्रह राशि प्रदान की जाए। इस संबंध में विभाग जल्द ही शासन को आधिकारिक प्रस्ताव भेजेगा।
यह निर्णय प्रमुख वन संरक्षक (PCCF) रंजन मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया। बैठक में मानव–वन्यजीव संघर्ष की वर्तमान स्थिति, भालू के बढ़ते हमले और ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा की गई।
घायलों को मिलेगा इलाज का पूरा खर्च, ठहराव का भी प्रावधान
पीसीसीएफ मिश्रा ने बताया कि वन विभाग घायल व्यक्तियों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाता है। कई बार घायलों और उनके परिजनों को गांव से बाहर अस्थायी रूप से ठहरना पड़ता है। ऐसे में विभाग ने शासन से अनुरोध किया है कि आवागमन और ठहराव पर होने वाले खर्च की भी प्रतिपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि गंभीर घायलों के इलाज का खर्च कई बार लाखों में पहुंच जाता है, इसलिए अनुग्रह राशि को 10 लाख तक बढ़ाना बेहद आवश्यक है।
जहां अधिक हमले, वहां होगा वैज्ञानिक अध्ययन
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन क्षेत्रों में भालू के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, वहां राज्य जैव विविधता बोर्ड और वन अनुसंधान संस्थान के माध्यम से क्षेत्रीय अध्ययन कराया जाएगा। अध्ययन के आधार पर मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए विशेष रणनीतियां तैयार की जाएंगी।
गांवों में जागरूकता और मानव शक्ति बढ़ाने पर जोर
अधिकारियों ने ग्राम स्तर पर व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता जताई। साथ ही झाड़ी कटान, निगरानी और सुरक्षा कार्यों के लिए अतिरिक्त मानव संसाधन उपलब्ध कराने की भी मांग की गई।
पीसीसीएफ मिश्रा ने कहा कि वनाग्नि और मानव–वन्यजीव संघर्ष दोनों ही बड़ी चुनौतियां हैं, इसलिए वॉचर की संख्या बढ़ाई जाएगी और निगरानी को और मजबूत किया जाएगा।
स्कूलों का समय एक घंटा बढ़ाने का सुझाव
गढ़वाल वन संरक्षक ने बैठक में बताया कि रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के कई क्षेत्रों में सुबह के समय स्कूलों के आसपास भालुओं की आवाजाही देखी गई है। इस कारण वन विभाग ने जिला प्रशासन को स्कूलों का समय एक घंटा आगे बढ़ाने का सुझाव दिया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
बैठक में शामिल हुए अधिकारी
बैठक में पीसीसीएफ एस.बी. सुबुद्धि, अपर प्रमुख वन संरक्षक मीनाक्षी जोशी, सुशांत पटनायक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।