Thursday, November 20, 2025
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वाइस एडमिरल वात्सायन का बयान: पाकिस्तान को पनडुब्बियां और युद्धपोत दे रहा चीन, भारतीय नौसेना सतर्क

चीन-पाकिस्तान की बढ़ती रक्षा साझेदारी पर भारतीय नौसेना की नजर: वाइस एडमिरल

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने स्पष्ट किया है कि चीन द्वारा पाकिस्तान को पनडुब्बियां और युद्धपोत उपलब्ध कराए जाने की प्रक्रिया पर लगातार नजर रखी जा रही है। नौसेना के उप-प्रमुख वाइस एडमिरल संजय वात्सायन ने कहा कि भारत समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए अपनी तैयारियों को लगातार मजबूत कर रहा है।

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “हमें जानकारी है कि चीन पाकिस्तान को पनडुब्बियां और जहाज दे रहा है। भारतीय नौसेना इस पूरी गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही है। हमारा फोकस पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमताओं को और मजबूत करने पर है।”


जल्द शामिल होंगी पाक नौसेना में चीनी पनडुब्बियां, भारत भी कर रहा तैयारी

वाइस एडमिरल वात्सायन ने बताया कि पाकिस्तान आगामी महीनों में चीन से मिली नई पनडुब्बियों को अपने नौसैनिक बेड़े में शामिल करने जा रहा है। इस स्थिति में भारतीय नौसेना ने भी अपनी रणनीतिक तैयारियों को बढ़ाया है।

उन्होंने कहा, “हमें पता है कि पाकिस्तान में पनडुब्बियों की तैनाती की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। हम भी पूरे क्षेत्र में हर परिस्थिति पर नजर रख रहे हैं और जिस प्रकार की क्षमताओं की जरूरत है, उन्हें विकसित किया जा रहा है।”


‘स्वावलंबन 2025’ से पहले नौसेना की रणनीतिक रूपरेखा उजागर

संजय वात्सायन ‘स्वावलंबन 2025’ कार्यक्रम से पहले आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। यह आयोजन 25 और 26 नवंबर को दिल्ली के मानेकशॉ केंद्र में होगा, जिसमें भारतीय नौसेना की स्वदेशी तकनीकों, नवाचारों और आत्मनिर्भर क्षमता को प्रदर्शित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि नौसेना वैश्विक स्तर पर विकसित नई सैन्य तकनीकों और क्षमताओं पर भी नजर रख रही है तथा अपनी जरूरतों के अनुसार अधिग्रहण और विकास की योजनाएं तैयार कर रही है।


चीन का तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर और भारतीय नौसेना की तैयारी

चीन द्वारा अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर शामिल किए जाने की स्थिति पर बोलते हुए वाइस एडमिरल ने कहा कि भारतीय नौसेना भी आने वाले दो वर्षों में नए और आधुनिक विमानों का इंतजार कर रही है, जो उसकी युद्ध क्षमता को और सशक्त करेंगे।

उन्होंने कहा, “चीन का तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर जल्द शामिल होने वाला है। दूसरी ओर, भारतीय नौसेना को भी नए विमान मिलेंगे, जिनकी मंजूरी और निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। पिछले पांच वर्षों में हमने कई महत्वपूर्ण क्षमताएं हासिल की हैं।”


हिंद महासागर में 40-50 विदेशी जहाज सक्रिय: नौसेना की पैनी नजर

वाइस एडमिरल वात्सायन ने बताया कि हिंद महासागर में विभिन्न बाहरी देशों की उपस्थिति लगातार बनी रहती है। “किसी भी समय 40 से 50 विदेशी जहाज इस क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं और भारतीय नौसेना हर परिस्थिति के लिए तैयार रहती है।”

उन्होंने कहा कि स्वावलंबन 2025 कार्यक्रम रक्षा क्षेत्र में उद्योगों, स्टार्टअप्स, नवाचारकर्ताओं और सशस्त्र बलों को एक मंच देगा। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे।

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