Sunday, November 24, 2024
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पुलिस के खिलाफ फूटा ग्रामीणों का गुस्सा

हल्दूचौड़ (नैनीताल)। क्षेत्र के खड़कपुर गांव से लापता युवती का शव 24 दिन बाद किच्छा के जंगल से बरामद हुआ। इसकी खबर मिलने पर खड़कपुर के ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। पुलिस पर मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने पांच घंटे तक हल्दूचौड़ चौकी का घेराव किया। वे चौकी प्रभारी और एसआई को निलंबित करने की मांग पर अड़ गए। मौके पर पहुंचे हल्द्वानी और लालकुआं के पुलिस क्षेत्राधिकारियों ने एक सप्ताह के भीतर जांच कर लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए।
तीन अगस्त को हल्दूचौड़ के खड़कपुर गांव निवासी खीम राम की 18 वर्षीय पुत्री अंजलि आर्या उर्फ प्रिया लापता हो गई थी। काफी खोजबीन के बाद भी प्रिया का कोई सुराग नहीं मिला। परिजनों ने प्रधान शंकर जोशी के साथ चौकी में जाकर इसकी सूचना दी। परिजनों ने चार अगस्त को कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई। शनिवार सुबह अंजलि का शव किच्छा में मिलने की सूचना पर खड़कपुर के ग्रामीण आक्रोशित हो गए। गुस्साए ग्रामीणों ने पांच घंटे तक हल्दूचौड़ चौकी का घेराव किया। ग्रामीण चौकी प्रभारी और एसआई को निलंबित की मांग पर अड़ गए। चौकी पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी बीएस धौनी और लालकुआं सीओ अभिनव चौधरी ने एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई का आश्वासन ग्रामीणों को दिया। धरना प्रदर्शन करने वालों में ग्राम प्रधान शंकर जोशी, ब्लॉक प्रमुख रूपा देवी, जिला पंचायत सदस्य कमलेश चंदोला, प्रधान संगठन की अध्यक्ष रुक्मिणी नेगी, राजेंद्र सिंह अधिकारी, प्रमुख प्रतिनिधि भुवन प्रसाद, क्षेत्र पंचायत सदस्य त्रिलोचन पाठक, प्रधान ललित सनवाल, भास्कर भट्ट आदि थे।
बड़ी संख्या में तैनात की गई फोर्स
हल्दूचौड़(नैनीताल)। जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने हल्दूचौड़ चौकी पहुंचकर हंगामा किया। माहौल बिगड़ता देख भारी पुलिस बल तैनात किया गया। कोतवाल लालकुआं डीआर वर्मा, एसओ बनभूलपुरा नीरज भाकुनी, काठगोदाम थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक, इंस्पेक्टर संजय कुमार, एसआई जगवीर सिंह के अलावा पीएसी जवान एवं महिला पुलिसकर्मियों ने हालात बिगड़ने से बचाने के लिए मोर्चा संभाला।
शादी का दबाव बनाने पर किया कत्ल
किच्छा। पूछताछ में यामीन ने पुलिस को बताया कि किच्छा आकर अंजलि ने मोबाइल फोन पर कॉल की। बकौल यामीन उस समय वह बहेड़ी में था। अंजलि का फोन आने पर यामीन अपने भाई की बाइक से किच्छा आया। वह बरा निवासी अपनी पिकअप के हेल्पर सचिन सक्सेना को भी साथ लाया था। आरोप है कि किच्छा में मिलने पर अंजलि शादी करने के लिए दबाव बनाने लगी। तभी यामीन ने अंजलि को ठिकाने लगाने का मन बना लिया था। अंजलि और सचिन दोनों को बाइक पर बैठाकर वह शक्तिफार्म रोड पर वन विभाग की चौकी से आगे जंगल में ले गया। यहां उसने सचिन से कहा कि वह और अंजलि अभी आ रहे हैं। इसके बाद अंजलि ने उससे पूछा जंगल में कहां चल रहे हो तो उसने कहा कि मुझ पर यकीन है न। अंजलि उसकी बातों पर यकीन करके पीछे-पीछे चली। इसी बीच घने जंगल में ले जाकर उसने अंजलि का गला रेत दिया।इसके बाद अंजलि का पर्स जंगल में घटनास्थल से कुछ दूर फेंक दिया। पुलिस ने यामीन की निशानदेही पर अंजलि का पर्स समेत हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया। नैनीताल पुलिस यामीन समेत उसके हेल्पर सचिन को भी लालकुआं ले गई।
सोशल मीडिया के माध्यम से हुई यामीन से मुलाकात
किच्छा। बताया जा रहा है कि अंजलि और यामीन की मुलाकात सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी। बाद में दोनों चैटिंग कर एक-दूसरे से मिलने लगे। अंजलि यामीन से शादी करने के लिए कह रही थी लेकिन यामीन उसे हमेशा टाल रहा था। इस पर यामीन ने जंगल में ले जाकर अंजलि की हत्या कर दी।
शव देख फूट-फूट कर रोए परिजन
किच्छा। अंजलि के शव को देखकर परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। दुखी पिता के समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी पुत्री यामीन से कैसे परिचित हुई। अंजलि के पिता हल्दूचौड़ के गैस प्लांट में नौकरी करते हैं। अंजलि के घर में मां के अलावा एक छोटा भाई और एक छोटी बहन भी है।
सड़-गल चुका था अंजलि का शव
किच्छा। हत्या के 24 दिन बाद बरामद अंजलि का शव बुरी तरह सड़-गल चुका था। उसके शरीर को कीड़ों ने खाकर कई जगह खराब कर दिया था। उसका शव एकदम घने जंगल में मिला है। वहां आमतौर पर किसी व्यक्ति का आना-जाना नहीं होता है। इसी कारण हत्या के 24 दिन तक किसी ने शव को नहीं देखा।

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