विधानसभा चुनाव-2022: घर से खुशी-खुशी बारातियों संग दुल्हन लेने निकला दूल्हा जगदीश शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के कारण बंद हुए भारत-नेपाल बॉर्डर में फंस गया। दरअसल प्रशासन ने विधानसभा चुनाव मतदान शुरू होने से 72 घंटे पूर्व भारत-नेपाल सीमा बंद कर दिया था। जिस कारण करीब पांच घंटे तक बारात अंतरर्राष्ट्रीय पुल पर फंसी रही। दूल्हा बारात के संग पुल के पास बैठ गया। काफी मिन्नतों के बाद जिला प्रशासन ने करीब पांच घंटे बाद नरम रुख दिखाते हुए सिर्फ बारात रवाना करने के लिए झूला पुल को खुलवाया, तब जाकर बारातियों ने राहत की सांस ली। जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह सात बजे के करीब मूनाकोट विकासखंड के खरक्यूड़ा क्षेत्र निवासी जगदीश सिंह पुत्र प्रताप सिंह अपनी दुल्हन लेने बारातियों संग नेपाल के पीपलकोट के लिए निकले।यहां भारत-नेपाल सीमा स्थित झूलापुल पहुंचने पर एसएसबी जवानों ने सीमा बंद होने की जानकारी दी। जिससे बारातियों में हड़कंच मच गया। बॉर्डर पर बताया गया कि अब सीमा तीन दिन बाद यानी 14 फरवरी की शाम छह बजेð ही खुलेगी। इसके बाद दूल्हा समेत पूरी बारात ने झूलापुल के समीप ही जमीन पर बैठकर जिला प्रशासन से झूलापुल खोलने की गुहार लगाने लगी। अपराह्न 12 बजकर 10 मिनट में जिला प्रशासन ने सिर्फ बारात को रवाना करने के लिए उच्चस्तरीय अफसरों से बातचीत के बाद झूलापुल खुलवाया।
सुबह नेपाल जाकर शाम को लौटनी थी बारात
बताया जा रहा है कि विस चुनाव के चलते बारातियों को शुक्रवार शाम छह बजे में बॉर्डर सील होने की सूचना थी, जिस कारण बारात सुबह सात बजे ही बॉर्डर पर पहुंच गई थी। दूल्हे के गांव से झूलापुल करीब पांच किलोमीटर दूरी पर है, जबकि उसके बाद नेपाल से पीपलकोट की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। लिहाजा बारात को शाम छह बजे वापस लौटने की योजना थी।
127 बाराती गए नेपाल
झूलाघाट। दूल्हे पक्ष के आग्रह के बाद प्रशासन ने 127 बारातियों को नेपाल रवाना किया। बाराती वापस लौटने के दौरान कुछ देर के लिए फिर से झूलापुल खोला जाएगा।दूल्हे पक्ष के आग्रह पर कुछ देर के लिए भारत-नेपाल सीमा खोली गई। दूल्हा सहित करीब 127 बारातियों को भी नेपाल भेजा गया है। बारात वापसी के दौरान भी कुछ देर के लिए झूलापुल खोला जाएगा।
पंकज चंदोला, प्रभारी तहसीलदार पिथौरागढ़
नेपाल में दुल्हन करती रही इंतजार; दूल्हा नहीं कर पाया बॉर्डर पार, जानें वजह
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